गरियाबंद:अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को धरना प्रदर्शन किया. वेतन वृद्धि, अनुकम्पा नियुक्ति, महंगाई भत्ता और 50 लाख रुपये के बीमे की मांग को लेकर उन्होंने ज्ञापन सौंपा. इस दौरान महासंघ ने गांधी मैदान में जमकर नारेबाजी भी की.
कर्मचारी महासंघ का प्रदर्शन कर्मचारियों ने बताया कि मंगलवार को सभी कर्मचारी अपनी मांगों को को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौपेंगे. कर्मचारी नेता लखनलाल साहू और पन्नालाल देवांशी ने प्रदेश के लिपिकों सहित सभी कर्मचारियों के वेतन संबंधित समस्याओं का तत्काल निराकरण करने की मांग की है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारी के परिवार को 50 लाख रूपये का अनुदान और परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग की गई है. कोरोना वॉरियर के रूप में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिए जाने की मांग की गई है.
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कर्मचारियों की मांग
- जुलाई 2020 में मिलने वाले वेतन वृद्धि को तत्काल बहाल किया जाये.
- कोरोना संक्रमण के पहले का जुलाई 2019 में 5 प्रतिशत देय महंगाई भत्ता सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को दिया जाए
- तृतीय श्रेणी के पदों पर पिछले दो सालों से अनुकंपा नियुक्ति पर लगी रोक हटाई जाए.
- अनुकंपा नियुक्ति के सभी लंबित प्रकरणों का एक महीने में समाधान किया जाए.
- सभी विभागों में लंबित पदोन्नति जल्द शुरू की जाए.
- समान रूप से सभी संवर्गो को क्रमोन्नत और समयमान वेतनमान का फायदा दिया जाए.
- चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना में नियुक्त कर नियमित कर्मचारियों की तरह सभी सुविधा दी जाए.
- कोरोना में पीड़ित शासकीय कर्मचारी के परिवार के सदस्यों के इलाज में खर्च राशि की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए सभी विभागों में विशेष राशि दी जाए.
- राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण मंत्रालय और संचालनालय की तरह सभी कार्यालयों में कर्मचारियों की रोस्टर वार एक तिहाई उपस्थिति सुनिश्चित की जाए.
- नई पेंशन योजना की जगह पुरानी पेंशन योजना छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की जाए.
कर्मचारियों की हो रही उपेक्षा: कर्मचारी संघ
कर्मचारियों ने अपनी मांग के लिए बनाए गए पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ शासन कर्मचारियों की उपेक्षा कर रहा है. कर्मचारियों ने लिखा है कि करोना संक्रमण काल में वित्तीय मितव्यता और अनुशासन के नाम पर राज्य के कर्मचारियों, अधिकारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट), महंगाई भत्ता, सातवें वेतनमान का एरियर्स, तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगाकर कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है.