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गरियाबंद के धान संग्रहण केंद्र कुंडेल भाटा में फिर हाथी ने दी दस्तक - गरियाबंद में हाथी की दहशत

गरियाबंद में इन दिनों हाथियों की दहशत है. कुंडेल भाटा धान संग्रहण केंद्र में एक बार फिर हाथी घुस गया. जिससे वहां चौकीदार और ग्रामीण डर गए. चौकीदार अपनी जान बचाने के लिए बाहर आ गए. इससे पहले भी इस संग्रहण केंद्र में घुसकर हाथी ने एक चौकीदार की जान ले ली थी.

Elephant come back to Kundel Bhata
धान संग्रहण केंद्र कुंडेल भाटा में फिर हाथी ने दी दस्तक

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Published : May 8, 2021, 1:25 PM IST

गरियाबंद: जिले के कुंडेलभाटा धान संग्रहण केंद्र में एक बार फिर हाथी के घुसने से वहां के कर्मचारियों और ग्रामीणों में दहशत फैल गई. यहां कुछ दिन पहले भी एक हाथी घुस गया था, जिसने चौकीदार की पटक-पटककर जान ले ली थी. कुंडेल भाटा धान संग्रहण केंद्र में पूरे गरियाबंद जिले के खरीदी केंद्र से धान पहुंचता है. यहां 12 से अधिक चौकीदारों की ड्यूटी लगाई जाती है. बीती रात फिर हाथी धान संग्रहण केंद्र में घूमता नजर आया. जिसके बाद जान बचाने के लिए चौकीदार भागकर बाहर आ गए. उन्हें उस वक्त 2 माह पहले की वही रात याद आ गई, जब साथी चौकीदार की हाथी ने पटककर जान ले थी.

धान संग्रहण केंद्र कुंडेल भाटा में फिर हाथी ने दी दस्तक

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धान संग्रहण केंद्र में दहशत

गरियाबंद जिले के धान संग्रहण केंद्र कुंडेल भाटा में तीसरी बार हाथी पहुंचा है. महासमुंद और फिंगेश्वर के रास्ते होकर हाथी इस इलाके में पहुंचा है. वन विभाग इस अकेले हाथी को खतरनाक मानकर चल रहा है. कुंडेल भाटा धान संग्रहण केंद्र में लगे सीसीटीवी कैमरे में हाथी कैद हुआ है. गरियाबंद जिले के ब्लॉक फिंगेश्वर में लगातार हाथियों का आना-जाना लगा हुआ है, अभी जिस इलाके में हाथी है, वहां शाम होते ही आसपास के गांवों में सन्नाटा पसर जाता है. जिसके चलते रात्रि में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है.

धान संग्रहण केंद्र कुंडेल भाटा में फिर हाथी ने दी दस्तक

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फसलों को भी हाथी पहुंचा रहे नुकसान

फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुंडेल भाटा में जंगली जानवर ने दो व्यक्तियों की जान ले ली, जिससे गांवों में और ज्यादा दहशत है. हाथी गांव में आकर खेतों में लगी फसल को भी नुकसान पहुंचाते हैं और सुबह होते ही जंगलों में चले जाते हैं.

हाथियों के कहर से वन विभाग का अमला भी असुरक्षित

लगातार चार-पांच दिनों से हाथी घटारानी, फुलझर, चौरोदा, छुईहा कुण्डले, जोगीडीपा और आसपास के गांवों में घूम रहे हैं. जिससे गांव के लोगों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्रह करने के लिए जंगल में भी जाने से डरने लगे हैं.

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