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गरियाबंद: वन विभाग के कर्मचारियों को हाथी ने दौड़ाया, बाल-बाल बची जान

गरियाबंद के फिंगेश्वर के जंगल में 21 हाथियों का दल एक बार फिर लौट आया है, जिसे रोकने के लिए वन विभाग की टीम गांव में पहुंची थी. इस दौरान एक दंतैल हाथी ने वन विभाग के कर्मचारियों को दौड़ाना शुरू कर दिया, जिसके बाद कर्मचारियों ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई.

Elephant ran forest staff in Gariaband
वन कर्मचारियों को दंतैल हाथी ने दौड़ाया

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Published : Aug 31, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Sep 1, 2020, 5:24 PM IST

गरियाबंद:सोरिद के भुंजिया पारा में एक दंतैल हाथी घुस रहा था, जिसे रोकने के लिए वन विभाग की टीम गांव में पहुंची थी. इस दौरान दंतैल हाथी ने वन विभाग के कर्मचारियों को दौड़ाना शुरू कर दिया, जिसके बाद कर्मचारियों ने जैसे-तैसे भाग कर अपनी जान बचाई. वन विभाग के मुताबिक हाथियों का झुंड रिहायशी इलाके में पहुंच गया था, जहां से एक बार फिर सभी हाथी फिंगेश्वर के जंगल में लौट आए हैं. 21 हाथियों का झुंड फिर से फुलझर बेलर खुरसा में लौट गया है.

वन कर्मियों को हाथी ने दौड़ाया

बता दें, लगभग 10 दिन पहले ही यह झुंड गरियांबद के फिंगेश्वर क्षेत्र से महासमुंद जिले में गया था, लेकिन फिर से हाथी फिंगेश्वर क्षेत्र के जंगल में वापस आ गया है. हाथियों के आने से इलाके के लोग काफी चिंतित हैं. इस क्षेत्र में आए दिन हाथियों के हमले की खबरें आती रहती है, जिसके कारण लोग काफी डरे हुए हैं. वहीं वन विभाग की टीम हाथियों को लोगों से दूर रखने की लगातार कोशिश कर रही है. वन विभाग के कर्मचारी हाथियों को गांव में घुसने से रोकने के लिए गजराज वाहन के साथ जुटे हुए हैं. इसी बीच एक दंतैल हाथी उग्र होकर वन कर्मचारियों को दौड़ाता नजर आया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है.

21 हाथियों का दल फिर पहुंचा गरियाबंद

फिर गरियाबंद पहुंचा हाथियों का दल

गरियाबंद का जंगल एक बार फिर हाथियों का पसंदीदा इलाका बनता जा आ रहा है. 3 महीने पहले 21 हाथियों का झुंड यहां पहुंचा था. जिले में लगभग 20 दिन बिताने के बाद हाथियों का यह दल धमतरी होते हुए कांकेर जिले की ओर निकल गया था. अब 3 महीने बाद 21 हाथियों का झुंड जब वापस लौटा है, तब हाथियों ने जिले के बारूका गांव से होते हुए जतमई के बाद फिंगेश्वर इलाके के जंगल में अपना बसेरा बनाया और यहां लगभग 18 दिन बिताए. इस दौरान एक मादा हाथी ने बच्चे को जन्म भी दिया है, जिसके बाद हाथी महासमुंद जिले की ओर निकल गए.

पढ़ें:बलरामपुर: राजपुर के हाथी प्रभावित गांव में लगाई गई स्ट्रीट लाइट, ग्रामीणों में खुशी

महासमुंद जिले के जंगल में कई इलाके ऐसे हैं. जहां हाथियों ने अपना बसेरा बीते 5 सालों से बनाया हुआ है, लेकिन अब इन हाथियों को शायद गरियाबंद जिले का जंगल ज्यादा पसंद आ गया है. यहीं कारण है कि हाथी वापस गरियाबंद के फिंगेश्वर के आसपास के इलाके में वापस लौट आए हैं. फुलझर, बेलर सहित आस-पास के 7 गांवों में हाथियों की मौजूदगी की वजह से वन विभाग अलर्ट पर है.

हाथियों के आने से डरे हुए हैं ग्रामीण

वहीं वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल में नहीं जाने के लिए मुनादी कराई है. साथ ही वन विभाग की टीम हाथियों के दल पर निगरानी बनाए हुए है. इसके लिए गजराज वाहन भी इलाके में मौजूद है. वहीं चंदा हाथी के गले में लगे रेडियो कॉलर से हर 6 घंटे में हाथियों के लोकेशन का जीपीएस इमेज वन विभाग को मिल रहा है. कुल मिलाकर गजराज दल के नए इलाके में पहुंचने से लोग काफी चिंतित हैं. उन्हें डर है कि हाथी इस क्षेत्र को अपना स्थाई बसेरा न बना ले. ग्रामीण इसलिए भी डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें हाथी के व्यवहार के बारे में थोड़ी भी जानकारी नहीं है, जिससे की वे अपने आप को हाथी से बचा सकें.

रविवार को गरियाबंद पहुंचा हाथियों का दल

हाथियों का दल रविवार को जिले में पहुंचा है, जिसकी वजह से वन विभाग भी काफी चिंतित है. साथ ही हाथियों को लोगों से दूर रखने की कोशिश करने की बात कह रहा है. वन कर्मचारी लगातार हाथी को आबादी क्षेत्र और गांवों में घुसने से रोकते नजर आ रहे हैं. वहीं जो तस्वीरें वायरल हो रही है, जिसमें 1 हाथी आक्रामक नजर आ रहा है.

Last Updated : Sep 1, 2020, 5:24 PM IST

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