गरियाबंद: छत्तीसगढ़ में किडनी की बीमारी से प्रभावित गांव सुपेबेड़ा का दर्द कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. किडनी की बीमारी से यहां 71वीं जान चली गई है. साल 2005 से बीमार चल रहे 60 साल के बुजुर्ग अकालु मुसरा ने दम तोड़ दिया है. बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
किडनी की बीमारी से बुजुर्ग की मौत अकालु मुसरा ने इलाज के लिए रायपुर समेत ओडिशा के भी कई अस्पतालों में प्रयास किया था लेकिन किडनी की बीमारी ठीक नहीं हो पाई. 15 दिन के अंदर दूसरी मौत ने पूरे गांव को फिर से दहशत में डाल दिया है. अकालु के परिवार वाले भी दहशत में हैं.
15 दिन के अंदर दूसरी मौत
15 दिन के अंदर सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से ये दूसरी मौत हुई है. पिछले 29 सितंबर को तीन साल से किडनी से बीमारी से पीड़ित पूरनधर पुरैना की मौत हो गई थी. इस गांव में आज भी हर घर में किडनी का मरीज है. गांव में अब भी 100 से अधिक लोग पीड़ित हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने किया था दौरा
2 अक्टूबर को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुबह सुपेबेड़ा पहुंचे थे. ग्रामीणों को गांव में डॉक्टर की सौगात देकर गए थे लेकिन उनकी घोषणा पूरी हो पाती उसके पहले एक और जान चली गई.
लगभग हर घर में एक मरीज
सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी दूषित जल की वजह से फैली है, जिसके चलते तीन नदी से पानी लाने का प्रयास किया गया. लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसके बाद गांव में 6 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए. सरकार पर भी यहां के लोगों की मदद ठीक से नहीं करने के आरोप लगते रहे हैं.