गरियाबंद:16 जनवरी से कोरोना की वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होना है. लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर किसी तरह का कोई भ्रम ना रहे इसलिए जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन नवरत्न ने पहली वैक्सीन स्वयं लगवाने का निर्णय लिया है. ईटीवी भारत ने जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ एन नवरत्न से बातचीत की है.
जिला चिकित्सा अधिकारी को लगेगी पहली कोरोना वैक्सीन तीन सेंटरों पर होगा वैक्सीनेशन
गरियाबंद जिले में कोरोना की वैक्सीन का टीकाकरण तीन स्थानों पर प्रारंभ किया जाएगा. गरियाबंद जिला चिकित्सालय फिंगेश्वर और राजिम के स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन का टीकाकरण किया जाएगा. गरियाबंद जिले में वैक्सीनेशन के कार्य का शुभारंभ जिला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एन नवरत्न को टीका लगाकर किया जाएगा.
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जिला चिकित्सा अधिकारी लगवा रहे हैं पहला टीका
नए प्रकार का टीका होने के चलते आम लोगों में इस टीके को लेकर कई प्रकार की भ्रांति है. टीके को लेकर लोग एक तरफ उत्साहित है तो वहीं दूसरी ओर थोड़ा डरे हुए भी हैं. जिसे देखते हुए जिला चिकित्सा अधिकारियों ने स्वयं पहले टीका लगवाने का निर्णय लिया है. जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि अगर किसी प्रकार का रिएक्शन किसी को होता है तो इसके लिए पूरी तैयारी रखी गई है. रिएक्शन खत्म करने कि कई प्रकार की दवाएं वैक्सीनेशन सेंटर में ही रहेंगी. आधे घंटे तक टीका लगने के बाद व्यक्ति को वैक्सीनेशन सेंटर में ही रखा जाएगा.
एक सेंटर में 100 या 200 लोगों को प्रतिदिन लग पाएगा टीका
जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ एन नवरत्न ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार एक सेंटर में 1 दिन में 100 लोगों को ही टीका लगाया जा सकेगा. अगर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएं और अनुमति ले तो अधिकतम 200 लोगों को ही टीका लगया जा सकेगा. इसके लिए सूची तैयार कर ली गई है.
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सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी
राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि प्रथम चरण में केवल स्वास्थ्य विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स को ही टीका लगेगा. ऐसे में 6500 लोगों की सूची तैयार की गई थी. लेकिन टीके की उपलब्धता के हिसाब से यह निर्णय लिया गया है कि राजस्व विभाग और कुछ अन्य विभागों के अधिकारियों को भी पहले चरण में टीका लगाया जा सकेगा. इनकी सूची पहले से तैयार थी. दूसरे चरण में इन्हें टीका लगना था. मगर अब इन्हें भी पहले चरण में टीका लगाने की अनुमति मिल गई है.