गरियाबंद: सैकड़ों सालों की सभ्यताओं को अपने अंदर समेटे रखने वाली महानदी आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. पुण्य तीर्थ माने जाने वाले त्रिवेणी संगम की हालत देखकर यहां के स्थानीय लोगों को काफी पीड़ा भी हो रही है. लोग बताते हैं कि त्रिवेणी संगम से पहले भी महानदी में जगमगाती रेत और साफ पानी वाली कल-कल करती धाराएं बहा करती थी. लेकिन आज हालात बदल गए हैं.
महानदी के हालात खराब
महानदी में आज गंदी मिट्टी कीचड़ और झाड़ियां देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोगों के साथ राजिम विधायक इसके लिए एनिकट को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर विधानसभा मुद्दा उठाया था. राजिम विधायक अमितेश शुक्ला का कहना है कि महानदी पर गलत तरिके से एनिकट बनाया गया है. जिसके कारण गंदगी अब मदिरों तक पहुंच रही है.
छत्तीसगढ़ के 'प्रयागराज' में माता सीता ने विराजे थे कुलेश्वर महादेव !
लोगों का कहना है कि पुन्नी मेले के लिए तो सरकार बांध से पानी छोड़ कर एनीकट में भरती है. मगर इसके बाद बरसात के 4 माह छोड़ दें तो बाकी समय नदी सूखी पड़ी रहती है. गंदगी से सराबोर नजर आती है. पुराने दिनों को याद करते हुए लोगों ने बताया कि कुछ दशक पहले तक महानदी में साल भर पानी रहा करता था. अब केवल बरसात के समय ही इसमें ठीक-ठाक पानी रहता है. नदी की दुर्गति का एहसास उस वक्त सबसे अधिक होता है जब पिंड दान या आचमन करने आए लोगों को सही पानी नहीं मिलता है.
रेत की बजाय अब गंदी मिट्टी नजर आ रही
महानदी का इतिहास हजारों साल पुराना है. मगर आज महानदी जिस हालत में पहुंच चुकी है शायद ही पहले कभी ऐसी स्थिति में रही होगी. राजिम त्रिवेणी संगम से पहले नदी में काफी दूरी तक रेत की बजाय अब गंदी मिट्टी नजर आ रही है. ये गंदगी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जिसके कारण नदी में गंदी घास उग आई है. नदी की स्थिति अब दयनीय होने लगी है. त्रिवेणी संगम के हालात भी बहुत अच्छे नहीं है. साल में 8 महीने त्रिवेणी संगम सूखा रहता है. 3 महीने बरसात में और 1 महीने पुन्नी मेले के लिए पानी छोड़ा जाता है.
अवैध रेत खनन और एनीकट के कारण हालत खराब
राजिम के स्थानीय लोगों से ईटीवी भारत ने नदी के विषय पर चर्चा की हैं. स्थानीय लोग मानते हैं कि नदी की बदहाल हालत के लिए अवैध रेत खनन और जरूरत से ज्यादा एनीकट निर्माण वजह है. लोगों का कहना है कि जब से एनीकट बनाया गया है नदी की धारा कम हो गई है. धारा कम होने की वजह से झाड़ियां उग जाती है. इस कारण नदी में गंदगी भी अधिक हो रही है.
छत्तीसगढ़ ने मुझे और मैंने छत्तीसगढ़ को किया आत्मसात: अनुसुइया उइके
लोगों का कहना है कि नदी में दिन-ब-दिन गंदगी बढ़ती जा रही है. कुछ साल पहले तक नयापारा और राजीव नगर के नालियों का पानी भी त्रिवेणी संगम में छोड़ा जा रहा था. लोगों ने इसका जमकर विरोध किया. जिसके बाद संगम के किनारे नाला बनाया गया. संगम से कुछ दूर जाने के बाद एनीकेट की तरफ से नयापारा और राजीव नगर दोनों की गंदगी वाला पानी महानदी में ही छोड़ा जाता है. स्वर्ण तीर्थ घाट जिसे सबसे स्वच्छ घाट माना जाता था. जो स्वर्ण तीर्थ घाट के नाम से मशहूर था. वहां शहर का गंदा पानी अब वहीं छोड़ा जा रहा है. ऐसे में अब यह घाट बदहाल बदबूदार हो चुका है.
महानदी की विधानसभा में चर्चा
राजिम विधायक अमितेश शुक्ला ने भी इस मामले पर विधानसभा में चर्चा की है. उन्होंने यहां बेहद अधिक बढ़ चुकी गंदगी को दूर करने के लिए अत्याधुनिक मशीनों की जरूरत विधानसभा में बताएं हैं. जिस पर विभागीय मंत्री ने इसके लिए आश्वस्त किया है. अमितेश शुक्ला का कहना है कि लंबे समय से वे त्रिवेणी संगम की बढ़ती दुर्दशा को देखकर परेशान थे. उनका कहना है कि कांग्रेस की सरकार है तो महानदी के उत्थान के लिए विशेष रूप से प्रयास होने की उम्मीद है. उनका कहना है कि अगले साल तक इस समस्या का समाधान अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से किया जाएगा.
विधानसभा अध्यक्ष के हाथों हुआ राजिम माघी पुन्नी मेले का शुभारंभ, देखें तस्वीरें
अधिकारी का कहना है सबकुछ ठीक
सिंचाई विभाग से जुड़े अधिकारी से भी ETV भारत ने बात की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ न कुछ सोंच के ये फैसला लिया होगा. उनका कहना है कि एनिकट ग्रामीण इलाकों के जरूरत को देखते हुए बनाया गया है. गंदगी को लेकर उनका कहना था कि यह प्राकृतिक गंदगी है. कुल मिलाकर उनका कहना है कि सब कुछ ठीक है. जो ठीक नहीं है वह ठीक किया जाएगा. उन्होंने कैमरे के सामने अपना नाम तक बताने से मना कर दिया.