गरियाबंद: देवभोग विकासखंड की कदलीमुडा पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों का हाल आप देखेंगे तो हैरान रह जाएंगे. कदलीमुडा पंचायत के लिए कुल 361 शौचालय स्वीकृत हुए थे, लेकिन इनमें से 145 शौचालयों का निर्माण किया ही नहीं गया.
ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों को इस बात की खबर नहीं थी. ETV भारत की पड़ताल में ये पता चला है कि 6 महीने पहले ही शौचालयों में भ्रष्टाचार की शिकायत तत्कालीन पंच उग्रेसन बीसी ने देवभोग जनपद पंचायत सीईओ से की थी. शिकायत के बाद भी अधिकारियों ने मिलकर लगभग 17 लाख रुपये का गबन किया.
महज कागजों पर है शौचालय
शौचालय निर्माण न होने का खामियाजा यहां रहने वाले लोगों को उठाना पड़ रहा है. ग्रामीणों के लिए कागजों में टॉयलेट्स का निर्माण तो हो गया लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और है. ग्रामीण शौच के लिए खुले में या फिर दूसरे के घरों में जाने को मजबूर हैं.
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