गरियाबंद : जिले के लिपिकों ने शुभम आत्महत्या केस में 'जस्टिस फॉर शुभम' मुहिम की शुरुआत की. इस मुहिम में जिले के 200 से अधिक लिपिक हड़ताल पर चले गए हैं. लिपिकों ने शुभम आत्महत्या केस में एफआईआर के साथ जांच की मांग की है. लिपिकों ने गरियाबंद के गांधी मैदान में धरना दिया. जस्टिस फॉर शुभम मुहिम में गरियाबंद के नगर पालिका अध्यक्ष अपने पार्षदों के साथ शामिल हुए.
लिपिक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द न्यायिक जांच और FIR नहीं हुई तो प्रदेशभर के लिपिक इस मुद्दे को लेकर हड़ताल पर जा सकते हैं. शुभम आत्महत्या के छठवें दिन से सभी लिपिक हड़ताल पर चले गए हैं. जिला मुख्यालय गरियाबंद के अलावा सभी ब्लॉक के सभी शासकीय कार्यालय के लिपिक पूरी तरह हड़ताल पर हैं.
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लिपिकों का मानना है कि गरियाबंद के देवभोग तहसीलदार के प्रताड़ना के कारण लिपिक ने सुसाइड किया है. इसके लिए तहसीलदार पर आपराधिक मामला दर्ज होने के साथ-साथ न्यायिक जांच भी होनी चाहिए. अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो पूरे प्रदेश में लिपिक आगे चलकर उग्र आंदोलन करेंगे.
लिपिकों ने शुरू किया जस्टिस फॉर शुभम शुभम पात्र ने की थी आत्महत्या
15 अक्टूबर को लिपिक शुभम पात्र ने अपने किराये के मकान में आत्महत्या कर ली थी. उसने सुसाइड नोट में तहसील कार्यालय के एक अधिकारी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था. अफसर पर लगे आरोप के बाद दूसरे दिन ही यानी 16 अक्टूबर को मृतक की मां भारती देवी ने थाने पहुंच कर लिखित में शिकायत की थी. प्रभारी मंत्री के अनुशंषा के बावजूद कलेक्टोरेट में ट्रांसफर नहीं होने का उल्लेख भी पत्र में किया गया था. इधर गुस्साए लिपिक संघ ने भी शुभम के साथ अफसरों की ओर से किए गए व्यवहार पर भी न्यायिक जांच की मांग की है.
लिपिकों ने शुरू किया जस्टिस फॉर शुभम