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Chhattisgarh Election 2023 : तीर्थ नगरी राजिम का नहीं हो पाया बहुमुंखी विकास, जानिए जनता इस बार किस पर होगी मेहरबान

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Chhattisgarh Election 2023
तीर्थ नगरी राजिम का नहीं हो पाया बहुमुंखी विकास

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Published : Aug 8, 2023, 11:03 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 2:31 PM IST

गरियाबंद : छत्तीसगढ़ में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं.ऐसे में हर विधानसभा की मौजूदा स्थिति से आपको ईटीवी भारत रुबरु करा रहा है.आज हम जानेंगे अविभाजित मध्यप्रदेश को दो बार सीएम देने वाले राजिम विधानसभा के बारे में.जब-जब चुनाव आते हैं. तब-तब इस विधानसभा की ओर राजनीतिक दलों का झुकाव होता है. इस विधानसभा से आने वाले नेताओं की पूछ परख बढ़ जाती है.लेकिन चुनाव बीतने और सरकार बनने के बाद राजिम विधानसभा की तस्वीर बदलती नहीं दिखती. आईए जानते हैं इस बार कैसा है राजिम विधानसभा का हाल.

किनके बीच है मुकाबला ? : राजिम विधानसभा से इस बार कांग्रेस ने अमितेश शुक्ल को टिकट दिया है.जबकि बीजेपी ने नए प्रत्याशी रोहित साहू को मैदान में उतारा है. पिछले चुनाव में अमितेश शुक्ल ने संतोष उपाध्याय को हराया था.

राजिम की भौगोलिक स्थिति :गरियाबंद जिला मुख्यालय का शहर राजिम विधानसभा में आता है. वहीं इसकी अंतिम सीमा महानदी के बीच स्थित है. नदी के उस पार अभनपुर विधानसभा का नया पारा आता है. वहीं पैरी नदी के दूसरी तरफ कुरूद विधानसभा लगता है.

राजिम विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं : कृषि प्रधान इलाका होने के कारण इस क्षेत्र में किसानों से जुड़ी समस्याएं और मुद्दे चुनाव में हावी रहते हैं.लेकिन अब यहां की जनता उद्योग को लेकर भी सरकार से सवाल पूछ रही है.क्योंकि उद्योग नहीं होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के लिए दूसरे जिले या राज्य में पलायन करना पड़ता है.राजिम को तीर्थ स्थल घोषित करने के बाद करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए हैं.लेकिन तीर्थ नगरी के लोगों की समस्याओं को नहीं सुना गया.इस बार आगामी विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी,शिक्षा और उद्योगों की कमी का मुद्दा राजिम विधानसभा में जमकर उठेगा.

मतदाताओं की स्थिति :इस विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 228335 है.जिसमें 112163 पुरुष और 116167 महिला मतदाता हैं. जबकि थर्ड जेंडर 05 हैं.विधानसभा में 274 मतदान केंद्र हैं.जिनमें से 27 केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है.इस बार करीब 20 हजार लोग पहली बार वोट डालेंगे.80 वर्ष से अधिक मतदाताओं की संख्या 4018 है. विधानसभा में 1000 महिलाओं पर 1020 पुरूष हैं. 2018 के चुनाव में 82.86 प्रतिशत वोटिंग इस विधानसभा में हुई थी.

क्या है विधानसभा में जातिगत समीकरण ? :इस विधानसभा में जातीय समीकरण की बात करें तो सबसे ज्यादा मतदाता साहू समाज से हैं.साहू समाज के बाद सिन्हा समाज से जुड़े लोग इस विधानसभा में निवासरत है.कुल मिलाकर पिछड़ी जाति के वोटर्स यहां प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करते हैं. इसके बाद आदिवासी और सामान्य वर्ग के वोटर्स आते हैं.

साल 2018 में चुनावी नतीजे :राजिम के पिछले चुनाव नतीजों की बात करें तो कांग्रेस ने अमितेश शुक्ल को टिकट दिया था. वहीं बीजेपी की ओर से संतोष उपाध्याय ने कमान संभाली थी.चुनाव हुए तो अमितेश शुक्ल ने संतोष उपाध्याय को 58 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी. अमितेश शुक्ल को 99041 मत मिले थे.वहीं संतोष उपाध्याय को 40909 वोट मिले थे. 58132 वोटों से बीजेपी को ये सीट गंवानी पड़ी थी. 2013 के चुनाव में इस सीट से संतोष उपाध्याय विधायक बने थे. पिछले चुनाव में इस विधानसभा में 82.36 फीसदी वोटिंग हुई थी

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों से जनता मायूस :राजिम विधानसभा हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है. लेकिन यहां से चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सके हैं.इस विधानसभा में ना तो कोई बड़ा उद्योग लगा ना ही रोजगार के साधन बनाए गए.इस विधानसभा की ज्यादातर आबादी खेती किसानी पर निर्भर है.चुनाव के दौरान किसानों से जुड़े मुद्दों को ही तवज्जो दी जाती है.इस विधानसभा में कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी का कब्जा रहा है. लेकिन जब बात उद्योग की आती है तो दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधियों के पास ठोस जवाब नहीं होता.

Last Updated : Dec 3, 2023, 2:31 PM IST

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