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गरियाबंद: तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाए गए पिंजरे और नाइट विजन कैमरे - गरियाबंद में तेंदुए के लिए पिंजरा

गरियाबंद के बहेराबुड़ा गांव में ETV भारत की खबर का असर हुआ. गांव में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे और नाइट विजन कैमरे लगाए जा रहे हैं.

Cages and cameras installed to catch leopards in gariaband
तेंदुआ को पकड़ने गांव में लगे पिंजरे और नाइट कैमरे

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Published : Feb 25, 2020, 11:22 PM IST

Updated : Feb 25, 2020, 11:47 PM IST

गरियाबंद:बहेराबुडा गांव में ETV भारत की खबर का असर हुआ है. यहां तेंदुए की दहशत से परेशान ग्रामीणों की खबर दिखाए जाने के बाद वन विभाग हरकत में आया और गांव में तेंदुआ पकड़ने पिंजरे लगाने के साथ ही उसपर नजर रखने के लिए नाइट विजन कैमरा लगाया जा रहा है. ETV भारत में खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन तेंदुए को पकड़ ने में सक्रिय नजर आ रहा है.

तेंदुआ को पकड़ने गांव में लगे पिंजरे और नाइट विजन कैमरे

गांव में बार-बार तेंदुए के घुसने की खबर ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी, इसके बाद वन विभाग सक्रिय हुआ और तेंदुए को पिंजरे में कैद करने की अनुमति ली गई. इसके बाद पिंजरे को गांव में भिजवाया गाया. फिलहाल यहां पिंजरा लगाने का काम जारी है.

गांव में लगा नाइट विजन कैमरा

पिंजरे में बकरी के बच्चे को रखा जाएगा और लालच देकर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जाएगी. खास बात यह भी है कि पहली बार इस तेंदुए के बारे में पूरी जानकारी लेने के लिए वन विभाग गरियाबंद वन मंडल तीन ट्रैप कैमरे भी लगाने जा रहा है. जो नाइट विजन तकनीक से लैस हैं और इन तीनों कैमरों को गांव के अलग-अलग ऐसे संभावित स्थानों पर लगाया जाएगा जहां तेंदुए के आने की संभावना है.

पढ़ें- गरियाबंद: तेंदुए के आतंक से बहेराबुडा गांव में दहशत

तेंदुए के साथ बच्चे होने का अंदेशा
ग्रामीणों ने वन विभाग ने आशंका जताई है कि, यह मादा तेंदुआ है और इसके साथ बच्चे भी हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में सभी चीजों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है. जिसके चलते वन विभाग पहली बार पिंजरे के साथ-साथ कैमरे का भी उपयोग किया जा रहा है. इसके पहले तेंदुए की दहशत वाले गांवों में पिंजरा तो लगाया जाता था, लेकिन कैमरे नहीं लगाए जाते थे.

Last Updated : Feb 25, 2020, 11:47 PM IST

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