गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के लिए खुशखबरी है. राजकीय पशु वन भैंसे का कुनबा बढ़ा है. उदंती अभयारण्य में एक नया मेहमान आया है. जिले के तहत आने वाले टाइगर प्रोजेक्ट को 'खुशी' ने खुशियां दी हैं. राजकीय पशु वन भैंसे ने पड़वा को जन्म दिया है. इससे प्रदेश के वन विभाग में उल्लास का माहौल है.
उदंती अभ्यारण में नन्हे 'आनंद' का हुआ जन्म बता दें कि प्रदेश में वन भैंसा विलुप्त होने के कगार पर है, जिनकी संख्या अब घटकर एक दर्जन से भी कम बची है. इससे वन विभाग में भारी चिंता थी, जिसके बाद काफी लंबे समय के इंतजार के बाद उदंती अभयारण्य में वन भैंस 'खुशी' ने पड़वे को जन्म दिया है.
11 हुई वन भैसों की संख्या
माधव वन भैंस 'खुशी' पहली बार गर्भवती हुई थी, जिससे वन विभाग काफी चिंतित था, लेकिन अब उदंती अभयारण्य में वन भैसों की संख्या 10 से बढ़कर 11 हो गई है. बीती रात 2 बजे खुशी ने पड़वे को जन्म दिया. इसके लिए पहले से ही तैयारियां थी और वन अधिकारी- कर्मचारी रात को रेस्क्यू सेंटर में ही उपस्थित थे. जहां दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उदंती अभयारण्य के सघन वनों के बीच स्थित वन भैंसा प्रजनन केंद्र में इसका सुरक्षित प्रसव करवाया.
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नए मेहमान का नाम रखा गया 'आनंद'
उदंती अभयारण्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदेश के वन विभाग को 'खुशी' द्वारा प्राप्त हुए इस नए मेहमान का नाम 'आनंद' रखने का फैसला किया है. इस दौरान वरिष्ठ वन अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में एक-एक वन भैंसा प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ऐसा माना जा रहा है कि संरक्षण में अगर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश का राजकीय पशु विलुप्त हो जाएगा.