गरियाबंद:महाशिवरात्रि के मौके पर ETV भारत पर विश्व के सबसे विशालतम प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन करिए. ये शिवलिंग गरियाबंद जिले में स्थित है. इस शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि ये आज भी बढ़ रहा है. हरी-भरी प्राकृतिक वादियों के बीच जिला मुख्यालय गरियाबंद से महज 3 किलोमीटर दूर भूतेश्वर नाथ शिवलिंग स्थित है. जहां दूर-दूर से शिवभक्त पहुंचते हैं. भक्तों का कहना है यहां मांगी हर मनोकामना जरूर पूरी होती है. ये प्राकृतिक शिवलिंग जमीन से लगभग 72 फीट ऊंचा और 210 फीट गोलाकार है. सच्चे मन से जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूरी होती है.
महाशिवरात्रि के दिन लगभग 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. सावन भर यहां भक्तों और कांवरियों का रेला लगा रहता है. चलो बुलावा आया है. भूतेश्वर ने बुलाया है इसी जयकारे के साथ भूतेश्वर महादेव के भक्त महाशिवरात्रि पर जल चढ़ाने यहां पहुंचते हैं. हर साल यहां महाशिवरात्रि पर विशाल मेला लगता है.
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लगातार बढ़ रहा है प्राकृतिक शिवलिंग
इस शिवलिंग के बारे में बताया जाता है कि सैकड़ों साल पहले पारागांव निवासी शोभासिंह जमींदार की यहां पर खेती-बाड़ी थी. शोभासिंह जब शाम को अपने खेत में घूमने जाते थे तो उन्हें खेत के पास एक विशेष आकृतिनुमा टीले के पास सांड के हुंकारने और शेर के दहाड़ने की आवाज आती थी. यही आवाज गांव वालों ने भी सुनी. कई बार लगातार आवाज सुनने के बाद ग्रामीणों ने सांड और शेर की आसपास खोज की. लेकिन दूर-दूर तक किसी जानवर के नहीं मिलने पर टीले के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ने लगी. लोग इस टीले को शिवलिंग के रूप में मानने लगे. पारागांव के लोग बताते हैं कि पहले यह टीला छोटे रूप में था. धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई और गोलाई बढ़ती गई. जो आज भी निरंतर बढ़ ही रही है.