दुर्ग: बढ़ते प्रदूषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता अभियान से प्रभावित होकर एक महीने पहले भिलाई नगर निगम के अधिकारियों ने शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए योजना तैयार की थी. निगम ने लोगों को पेपर बैग बांटने का काम किया था, लेकिन अधिकारियों की योजना ज्यादा दिन नहीं चली. 2 अक्टूबर तक शहर को प्लास्टिक मुक्त करने का शपथ लेने वाले अधिकारी ये दिन आते-आते अपनी मुहिम को ही भूल गए.
ठंडे बस्ते में गई प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की शपथ. एक ओर स्कूली बच्चे इस मुहिम में शामिल होकर प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण और स्वच्छता का संकल्प ले रहे हैैं. वहीं दूसरी ओर भिलाई शहर में आज भी गंदगी फैली हुई है. भिलाई शहर से हर महीने सैकड़ों किलो प्लास्टिक कचरा निकाला जाता है. इस प्लास्टिक को रि-साइकिल भी नहीं किया जा रहा है.
यहां-वहां फैले हैं प्लास्टिक
शहर के 12 एसएलआरएम सेंटरों में कचरा अलग करने के बाद कम्प्रेस मशीन रखी गई है. ट्रेचिंग ग्राउंड में बिना सेग्रिगेट किया कचरा फेंक दिया जाता है, जो हफ्तों-महीनों तक यहीं पड़ा रहता है. यहां से गुजरने वाले मवेशी खाने की तलाश में कचरे में फैले प्लास्टिक को खा रहे हैं.
स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की कोशिश
भिलाई नगर निगम इन दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने की कवायद कर रहा है. इसके लिए आयुक्त ने सभी जोन के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं. इसके बाद भी अधिकारियों की लापरवाही नजर आ रही है. भिलाई विधायक देवेंद्र यादव इस मुहिम में सबकी सहभागिता की बात कर रहे हैं तो वहीं निगम फिर से प्रयास करने की बात कर रहा है.