गरियाबंद:अपने आप को मंत्रालय का बाबू बता कर बेरोजगार युवकों को ठगने वाले आरोपियों को गरियाबंद पुलिस (Gariaband Police) ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके खिलाफ 4 बेरोजगारों ने ठगी का रिपोर्ट दर्ज कराया. पीड़ित बेरोजगारों ने 6 लाख 60 हजार रुपये ठगने का आरोप लगाया. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया. आरोपियों ने महासमुंद, धमतरी और गरियाबंद जिले के 30 से ज्यादा युवकों से ठगी करने की बात कबूली.
गरियाबंद में ठगी के आरोपी गिरफ्तार 30 बेरोजगारों को बना चुके हैं शिकार
खास बात यह है कि दोनों आदतन शातिर ठग (habitual swindler) है. पहले भी जांजगीर जिले में नौकरी के नाम पर रुपये वसूलने के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं. महासमुंद में नकली नोट के साथ भी गिरफ्तार हो चुके हैं. ठगे गए युवक बताते हैं कि किसी को उसने पुलिस में वन स्टार SI बनाने का वादा किया था. किसी को फॉरेस्ट में बीट गार्ड तो किसी को स्कूल और तहसील कार्यालय में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाते था. ये ठग ASI या फॉरेस्ट गार्ड बनाने के लिए चार लाख और ग्रुप डी में नौकरी के लिए ढाई लाख रुपये मांगा करते थे. पुलिस को उम्मीद है कि इनके पकड़े जाने के बाद कई और मामलों का भी खुलासा हो पाएगा.
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महासमुंद और राजिम के रहने वाले हैं दोनों आरोपी
महासमुंद निवासी सबास खान और राजिम के सेमहरतरा निवासी मनोज साहू ने कोडोमाल निवासी भागवत ध्रुव से धमतरी में वन रक्षक के पद पर नौकरी लगाने के लिए 4 लाख में सौदा तय कर 3 लाख 60 हजार रुपये एडवांस लिए थे. ये रकम आरोपियों ने 13 अप्रैल से 8 मई 2021 तक ली गई. बाकी रकम अपॉइंटमेंट लेटर मिलने के बाद देने कहा गया.
इसी तरह आरोपियों ने ग्राम मेड़कीडबरी के राजकुमार यादव से वनरक्षक की नौकरी के लिए 1 लाख, भुखन ध्रुव को तहसील आफिस में नौकरी के लिए 1 लाख रुपये, केशव यादव से स्कूल में नौकरी के लिए 1 लाख रुपये एडवांश के तौर पर लेकर 6,60,000 रुपये की ठगी को अंजाम दिया था. जो शिकायत जांच में सही पाया गया.
गरियाबंद में ठगी के आरोपी गिरफ्तार मंत्रालय के बाबू बनकर करते थे ठगी
जिले के छुरा पुलिस के गिरफ्त में आए दोनों शातिर ठग दिखने में बड़े ही साधारण दिखते हैं. लेकिन इनके कारनामे सुन कर हर कोई हैरान है. दोनों आरोपियों ने अपने आप को मंत्रालय में लिपिक बताकर बड़े-बड़े अफसरों से सेटिंग का हवाला दिया और बेरोजगार युवकों को अपना शिकार बनाया. इनकी बातों में आकर कई बेरोजगार युवकों ने अपना सब कुछ गंवा दिया. दोनों आरोपी जांजगीर जिले में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में जेल भी जा चुके हैं. महासमुंद जिले में जाली नोट के कारोबार में भी आरोपी बनाए जा चुके हैं.