गरियाबंद:तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 14 किलोमीटर दूर वन परिक्षेत्र मैनपुर के ग्राम कोयलीबेड़ा में रात के वक्त हाथियों के दल ने लगभग 3 घंटे जमकर उत्पात मचाया. रात के वक्त जब गांव में सभी ग्रामीण सो रहे थे तभी अचानक 12 हाथियों का दल गांव में पहुंच गया. पहुंचते ही हाथियों ने मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया'.
ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए बाहर भागने लगे,चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. पूरे गांव में हल्ला होने लगा लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों के छप्परों को तोड़ कर अपने बच्चों को जैसे तैसे बहार निकाला. ग्राम कोयलीबेड़ा में 5 से 6 मकानों को हाथियों ने तोड़ दिया और राशन सामग्रियों को चट कर गए.
मकानों और फसलों को हाथियों ने किया चौपट
लगभग तीन घंटे तक हाथियों का दल गांव के भीतर मंडारता रहा और पूरी रात ग्रामीणों ने दहशत में गुजारी. इसके बाद हाथियों का दल ग्रामीणों के खेतों में जमकर तबाही मचाई और फसलों को नुकसान पहुंचाया. ग्राम कोयलीबेड़ा के ग्रामीणों ने बताया कि 'पहली बार उनके ग्राम कोयलीबेड़ा में हाथियों का दल रात को अचानक आ धमका और घरों के छप्परों को तोड़फोड़ डाला. इसके साथ ही राशन भी चट कर गए'.
ग्रामीणों ने अफसर से लगाई गुहार
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया कुल्हाड़ीघाट के पहाड़ी इलाकों के गांव आमामोरा, ताराझर, कुर्वापानी, अमलोर, ओंढ के बाद अब हाथियों के दल का रूख पहाड़ी के नीचे मैनपुर वन परिक्षेत्र के कोयलीबेड़ा के तरफ पहुंचा है. परेशान ग्रामीण अफसर के पास पहुंचे और हाथियों से बचाव के लिए गुहार लगाते हुए मकान और चौपट फसल की जानकारी वन विभाग को दी.