दुर्ग: कोरोना महामारी ने हर सेक्टर को प्रभावित किया है. कई योजनाओं पर भी ब्रेक लग गया है. अकेले दुर्ग में साल 2020 में एक भी युवा को मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित नहीं किया जा सका है. यही नहीं प्रशिक्षण देने वाली जिन संस्थाओं से करार हुआ था, उसकी प्रक्रिया भी अधूरी रह गई. इसके चलते हजारों युवा इस योजना का लाभ लेने से वंचित हो गए.
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209 लोगों ने भरा था फार्म
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के लिए साल 2020 के शुरुआती महीने में 209 लोगों ने फार्म भरा था. जिले में यह संख्या हजारों में पहुंचती, लेकिन उससे पहले कोविड 19 के चलते लॉकडाउन लग गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम भी रद्द हो गया. इससे जिले के तमाम युवा इस योजना का लाभ नहीं उठा सके. यही स्थिति प्रदेश में भी देखी जा सकती है.
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3 से 4 हजार युवाओं को दिया जाता था प्रशिक्षण
इस योजना के तहत हर साल जिले में 3 से 4 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता रहा है ताकि युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा सके. हालांकि वित्तीय वर्ष 2020-21को पूरा होने में लगभग ढाई माह बचे हैं, लिहाजा युवाओं को जल्द ही प्रशिक्षण देने का दावा विभाग की ओर से किया जा रहा है. लेकिन अबतक इसकी तैयारी नहीं हो पाई है.
युवा कर रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का इंतजार
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का युवा इंतजार कर रहे हैं. युवा देवा देवांगन ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने कौशल विकास प्रशिक्षण का फार्म भरा था. कुछ दिन प्रशिक्षण जारी भी रहा, लेकिन कोरोना की वजह से कार्यक्रम नहीं हो पाया. अब प्रशिक्षण कार्यक्रम का इंतजार कर रहा हूं. एक और युवक अमित ने कहा कि लंबे समय से प्रशिक्षण का इंतजार कर रहा हूं. इससे पहले भी फार्म भर चुका हूं, लेकिन कोरोना की वजह से कार्यक्रम रद्द कर दिया गया.
प्रदेश में 2018 तक 3 लाख से ज्यादा को किया जा चुका प्रशिक्षित
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रदेश में 2018 तक 3 लाख 19 हजार युवाओं को विभिन्न रोजगारमूलक विधाओं में प्रशिक्षित किया जा चुका है. इनमें विशेष पिछड़ी जनजातियों के 3 हजार 624 युवा, 2 हजार 361 विधवा और परित्यक्ता महिलायें, 81 ट्रांसजेंडर युवा और 4 हजार 84 जेल में निरूद्ध बंदी शामिल हैं. दुर्ग में 21 हजार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
1 लाख से अधिक को नियोजन
इस योजना के तहत 2018 तक प्रशिक्षित युवाओं में 1 लाख 14 हजार 617 युवा ऐसे हैं, जिनका नियोजन हो चुका है. इन युवाओं ने या तो अपना रोजगार स्थापित कर लिया है या व्यावसायिक संस्थाओं में काम कर रहे हैं. अकेले दुर्ग में ही अबतक 11 हजार युवाओं का नियोजन किया जा चुका है.
प्रशिक्षण में ये हैं शामिल
युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कंप्यूटर कोर्स, सिलाई मशीन प्रशिक्षण, कंप्यूटर हार्डवेयर, मोबाइल मेकिंग, आईसीटी, गारमेन्ट मेकिंग, कन्सट्रक्शन, कृषि, इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोबाइल, मेडिकल एंड नर्सिंग, सिक्योरिटी का प्रशिक्षण देने की योजना है.
कोरोना के कारण नहीं दिया गया प्रशिक्षण
जिला कौशल विकास अधिकारी आरके कुर्रे ने बताया कि 2020 में 209 लोगों का प्रशिक्षण जारी था. कोरोना की वजह से प्रशिक्षण स्थगित कर दिया गया है. वर्तमान में ऐसा कोई भी प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है. शासन से निर्देश मिलने के बाद ही आगे की योजना तैयार की जाएगी.