दुर्ग: रंगों के त्योहार होली की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. इस त्योहार की रौनक अलग ही होती है. रंग-बिरंगे चेहरे खुशी से इठलाते नजर आते हैं. कई बार केमिकल युक्त रंग-गुलाल के कारण त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है. लोगों को इससे एलर्जी भी हो जाती है. लेकिन अब ऐसे रंग या गुलाल से डरने की जरूरत नहीं है. क्योंकि दुर्ग जिले के मतवारी गांव की गायत्री स्व-सहायता समूह हर्बल गुलाल बना रही है. ये गुलाल स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के मतवारी गांव की गायत्री स्व-सहायता महिला समूह हर्बल गुलाल तैयार कर रही है. हर्बल गुलाल बनाने के लिए सबसे पहले अरारोट या मक्का के पाउडर में चुकंदर,पालक भाजी,पलाश, हल्दी इत्यादि का इतेमाल किया जाता है. जिसके बाद रंग-बिरंगे हर्बल गुलाल बनाया जाता है. इसमें किसी प्रकार का केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता.
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हर्बल गुलाल की डिमांड ज्यादा
गायत्री स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष जागृति साहू ने बताया कि हर्बल गुलाल बनाने का परीक्षण लिया गया है. जिला पंचायत के सीईओ के मार्गदर्शन में हर्बल गुलाल तैयार कर रहे हैं. ये लोगों के स्किन के लिए फायदेमंद है और बाजारों में मिलने वाले गुलाल से बहुत ही अच्छा है. उन्होंने बताया कि इस साल हर्बल गुलाल की डिमांड बहुत अधिक है. लेकिन समय के अभाव के कारण टारगेट पूरा नहीं कर पा रहे हैं. आगामी समय में ज्यादा मात्रा में हर्बल गुलाल तैयार करेंगे. ताकि जिले के साथ प्रदेश स्तर पर भी हर्बल गुलाल उपलब्ध किया जा सके.