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लॉकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ में अचानक बढ़े आत्महत्या के केस, पहले स्थान पर दुर्ग - durg news'

लॉकडाउन के बाद छत्तीसगढ़ में आत्महत्या के केस बढ़े हैं. दुर्ग में सबसे ज्यादा आत्महत्या के केस सामने आए हैं. इसे रोकने के लिए दुर्ग रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने जरूरी प्लान तैयार किए हैं.

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आत्महत्या का मामला

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Published : Oct 26, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Oct 26, 2020, 8:25 PM IST

दुर्ग : संभाग में पिछले 5 सालों में शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, प्रेम प्रसंग समेत अन्य कारणों से करीब 6035 लोगों ने अब तक आत्महत्या की है. इसे रोकने के लिए जरूरी प्लान तैयार किया जा रहा है. आत्महत्या के सबसे ज्यादा केस दुर्ग में सामने आए हैं. वहीं सबसे कम मामले कवर्धा में देखने को मिले हैं. इसे रोकने के लिए दुर्ग रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने जरूरी प्लान तैयार किए हैं.

चानक बढ़े आत्महत्या के केस
लॉकडाउन के बाद बालोद, बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव समेत दुर्ग में आत्महत्या के कई केस सामने आए. आईजी विवेकानंद सिन्हा ने लॉकडाउन के बाद अचानक बढ़े आत्महत्या के केस को लेकर पांचों जिले की रिपोर्ट तैयार करवाई. रिपोर्ट में आए आंकड़े चौकाने वाले थे. रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं की 2016 से जून 2020 के बीच दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा, बालोद और कवर्धा जिले में 6035 लोगों ने आत्महत्या की है. दुर्ग में सबसे ज्यादा 2307 लोगों ने खुदकुशी की है, जबकि सबसे कम कवर्धा जिले 541 लोगों ने आत्महत्या की है. लॉकडाउन में इस संख्या के सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है.

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दुर्ग के बाद राजनांदगांव में ज्यादा आत्महत्या केस
कवर्धा में 5 साल में सिर्फ 541 लोगों ने आत्महत्या की है. रिपोर्ट में 18 कारण सामने आए जिसके कारण लोगों ने आत्महत्या की है. शादी के बाद विवाद, बीमारी, प्रेम संबंध के कारण ज्यादातर लोगों ने आत्महत्या की है. केस स्टडी के मुताबिक सुसाइड के केस में दुर्ग के बाद राजनांदगांव में ज्यादा आत्महत्या के केस सामने आए हैं. 5 सालों में 1333 लोगों ने अलग-अलग कारणों से आत्महत्या की है. बेमेतरा में 615 लोगो ने आत्महत्या की है.

आत्महत्या के प्रतिशत और उम्र

  • 59 प्रतिशत लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है.
  • 29 प्रतिशत लोगों ने जहर खाकर जान दी है.
  • आत्महत्या करने वालों में 35 प्रतिशत लोग 19 से 30 साल की उम्र के हैं.
  • 34 प्रतिशत लोग 31 से 45 साल के बीच हैं
  • 20 प्रतिशत लोग 40 से 60 साल के बीच हैं

रोकने के लिए अभियान तैयार

दुर्ग रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि सुसाइड को कैसे रोका जाए इसके लिए एक अभियान चला रहे हैं. बहुत सारे युवा वर्ग छोटे-मोटे कारणों के कारण आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. आत्महत्या को कम करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत करेंगे. इस फील्ड में एक्सपर्ट लोगों को वॉलिंटियर के रूप में तैयार किया जाएगा और उनके माध्यम से लोगो को काउंसलिंग की जाएगी.

जिले आत्महत्या पुरुष महिलाएं
दुर्ग 2307 1632 675
राजनांदगांव 1333 1019 314
बालोद 1239 923 316
बेमेतरा 615 396 219
कवर्धा 541 380 161
Last Updated : Oct 26, 2020, 8:25 PM IST

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