भिलाई : एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट भिलाई में है. जो पूरे देश को इस्पात सप्लाई करने के लिए जाना जाता है. भिलाई के स्टील से देश की बड़ी इमारत, पुल समेत कई इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए गए हैं. वहीं अब भिलाई का स्टील अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है. राम मंदिर के ढांचे के लिए तैयार किए जाने वाले स्ट्रक्चर में भिलाई स्टील प्लांट का लोहा लगा है. यह लोहा इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है.
मंदिर निर्माण के लिए भेजा गया लोहा :भगवान श्रीराम की माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की ही रहने वाली थी. छत्तीसगढ़ अपने भांजे के लिए बनने वाले विशाल मंदिर के लिए हजारों टन लोहा सप्लाई कर चुका है.अयोध्या में भगवान राम मंदिर के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ की धरती से लोहा भेजा जा रहा है. अब तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 190 टन टीएमटी स्टील भेजा जा चुका है. यह भिलाई के लिए बेहद ही गर्व की बात है.
क्या है टीएमटी बार की खासियत ? :इस परियोजना के लिए टीएमटी बार का उत्पादन प्लांट के आधुनिक बार एंड रॉड मिल और मर्चेंट मिल दोनों में किया गया है. बार एंड रॉड मिल में उत्पादित 550 डी ग्रेड के 12 मिमी व्यास वाले लगभग 120 टन टीएमटी बार और मर्चेंट मिल में उत्पादित समान ग्रेड वाले 32 मिमी व्यास वाले लगभग 65 टन टीएमटी बार को अयोध्या भेजा गया है. इस टीएमटी बार की खासियत यह है, कि यह भूकंप रोधी है मतलब भूकंप आने पर भी मंदिर को आंच नहीं आएगी.
क्या है बीएसपी की खासियत ? :इस संयंत्र का स्टील अपनी खासियत और क्वालिटी के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, भिलाई स्टील प्लांट के स्टील उत्पादों ने देश के बड़े-बड़े परियोजनाओं को नई शक्ति दी है रक्षा क्षेत्र, अधोसंरचतना क्षेत्र और रेल परिवहन क्षेत्र में भिलाई स्टील प्लांट के स्टील का उपयोग होता है, भिलाई स्टील प्लांट की स्टील की क्वालिटी को विनिर्माण क्षेत्र में भी प्राथमिकता दी जाती है.अब भिलाई का स्टील राम मंदिर के निर्माण में भी इस्तेमाल हो रहा है.