दुर्ग:छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण की वजह से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. कोरोना से लगातार इतनी मौतें हो रही हैं कि ना तो लाशों को जलाने के लिए श्मशान घाट पर जगह मिल रही है, ना मुर्दाघरों (mortuary) में उन्हें रखने के लिए पर्याप्त जगह बची है.
दुर्ग में मर्च्यूरी में शव रखने की जगह नहीं मर्च्यूरी फुल
एक मृतक के परिजन ने बताया कि उनकी बहू की मौत कोविड से हुई है. उनकी डेड बॉडी लेने के लिए आए हैं. पिछले कुछ घंटों में काफी लोगों की बॉडी मर्च्यूरी से निकली है. उन्होंने बताया कि स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है.
छत्तीसगढ़ के 28 में से 20 जिलों में टोटल लॉकडाउन
देश में कोरोना के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे चल रहा है. उसके बाद छत्तीसगढ़ में तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4,43,297 पहुंच गई है. वहीं 90,277 एक्टिव केस हैं. प्रदेश के राजधानी रायपुर के बाद दुर्ग में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज हैं. अब तक यहां 55,395 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 16,758 जिले में एक्टिव केस हैं. कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा जिले में 939 पहुंच गया है. जाहिर है कोरोना के तेजी से बढ़ते रफ्तार ने चिंता बढ़ा दी है.
1 अप्रैल से अबतक कोरोना का आंकड़ा
- 1 अप्रैल – 996 केस – 7 मौतें
- 2 अप्रैल – 964 केस- 7 मौतें
- 3 अप्रैल - 857 केस-10 मौतें
- 4 अप्रैल- 995 केस-10 मौतें
- 5 अप्रैल-1169 केस-6 मौतें
- 6 अप्रैल- 1838 केस-9 मौतें
- 7 अप्रैल-1664 केस-6 मौतें
- 8 अप्रैल- 2132 केस-19 मौतें
- 9 अप्रैल- 1786 केस-21 मौतें
- 10 अप्रैल – 2272केस – 27 मौतें
- 11 अप्रैल – 1651 केस – 26 मौतें
एक नजर में देखें दुर्ग जिले की स्थिति
- दुर्ग में लॉकडाउन- 6 से 14 अप्रैल तक
- कोरोना से मौत- 939
- एक्टिव केस- 16758
- दुर्ग की आबादी करीब 20 लाख
- निजी और शासकीय अस्पतालों में कुल 1483 बेड, 706 ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर 89
- पाटन में 25 नए ऑक्सीजन बेड बनाने की तैयारी
- जिले में 60 से ज्यादा कंटेनमेंट जोन
- जिले में पेट्रोल पंप, LPG गैस, ATM, दवाई दुकानें हैं खुली
- दुर्ग में दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध
- शहर में 4 मुक्तिशाम, रोजाना जल रही लाशें