Sawan Special 2023: बोलबम के जयकारे से गूंजा दुर्ग, शिव सरोवर धाम में हजारों कांवड़ियों ने किया भगवान शिव का जलाभिषेक - Shiv devotee in Durg
Sawan Special 2023: शिव सरोवर धाम में हजारों कावड़ियों ने बुधवार को भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. सभी कांवड़िए शिवनाथ नदी महमारा घाट से जल लेकर लगभग 8 किलोमीटर पैदल चलकर दुर्ग के शक्ति नगर स्थित शिव सरोवर धाम पहुंचे. यहां भगवान शिवजी की पूजा-अर्चना की.
दुर्ग में उमड़े शिवभक्त
By
Published : Aug 16, 2023, 11:12 PM IST
कांवड़ियों ने किया जलाभिषेक
दुर्ग: दुर्ग के शिव सरोवर कांवड़ समिति के तहत हजारों कांवड़ियों ने कांवड़ यात्रा निकाली. ये कांवड़िए शिवनाथ नदी महमारा घाट से जल लेकर 8 किलोमीटर की दूरी पूरी की. सभी कांवड़ियों ने दुर्ग के शक्ति नगर स्थित शिव सरोवर धाम पहुंकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की. यहां सभी भक्तों ने भोलेनाथ को जल चढ़ाया. इस दौरान पूरे रास्ते कांवड़ियों का जगह-जगह स्वागत किया गया. कांवड़ यात्रा के साथ भोले शंकर के गीतों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया.
हजारों भक्तों ने किया भगवान शिव का जलाभिषेक: दरअसल, सावन माह भगवान भोलेनाथ का प्रिय माह है. शिव भक्तों के लिए ये महीना काफी खास माना जाता है. दुर्ग में यहां शिवजी का जलाभिषेक किया. सुबह छह बजे शिवनाथ नदी दुर्ग में भक्तों ने स्नान किया. इसके बाद शिवनाथ तट पर स्थित शिवालय में भगवान शंकर का जलाभिषेक किया.
देवबलौदा के लिए निकले कांवड़िए:कांवड़ियों ने शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक किया. इसके बाद संकल्प लेकर देवबलौदा स्थित भोलेबाबा के प्राचीन मंदिर के लिए निकले. शिवनाथ नदी से शिव भक्तों के निकलने के बाद गंजपारा चौक पर सैकड़ों भक्तों ने कांवड़ियों पर फूलों की वर्षा की.
शिव को प्रिय है सावन:धार्मिक ग्रंथों की मानें तो माता सती ने ये प्रण लिया था कि जब भी उनका जन्म हो, तो उन्हें भगवान शिव ही पति रूप में मिलें. इसके लिए उन्होंने अपने पिता राजा दक्ष के घर अपने शरीर को त्याग दिया था. फिर हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया. कहा जाता है कि माता पार्वती ने सावन माह में भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की. फिर भगवान शिव के साथ उनका विवाह हुआ. यही कारण है कि भगवान शिव को सावन माह अत्यंत प्रिय है.