दुर्ग : दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (mount Everest) पर फतह करने का सपना हर किसी का होता है. इस एवरेस्ट को 1993 में ही भिलाई की एक बहू फतह कर चुकी हैं. भिलाई की तालपुरी निवासी हुकुमचंद धपवाल की पत्नी सविता धपवाल (Savita Dhapwal) ने 28 साल पहले ही माउंट एवरेस्ट पर विजय पाई थी. सविता ऐसा करने वाली अविभाजित मध्यप्रदेश की प्रथम महिला पर्वतारोही (first female climber) रही हैं.
सविता धापवाल ने सबसे पहले माउंट एवरेस्ट फतह करने का किया दावा नैना को पहली महिला कहना गलत- सविता धपवाल सविता धपवाल ने ईटीवी भारत को बताया कि सूबे में तमाम लोग सोशल मीडिया में नैना सिंह धाकड़ (Naina Singh Dhakad) को माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला बता रहे हैं. जबकि उन्होंने एक साथ लाओत्से और माउंट एवरेस्ट (Lao Tzu and Mount Everest) दोनों फतह किया है. उस क्षेत्र में हम कह सकते हैं कि ऐसा करने वाली वे छत्तीसगढ़ की पहली महिला (Chhattisgarh first woman mountaineer) हैं. उन्होंने नैना को माउंट एवरेस्ट फतह करने को लेकर शुभकामनाएं भी दी हैं.
पद्मश्री बछेंद्री पाल के साथ सविता बस्तर से माउंट एवरेस्ट तक का सफर, सुनिए नैना की कहानी उनकी मां की जुबानी
स्वास्थ्य मंत्री समेत आईएसएस अफसरों ने नैना को बताया प्रथम महिला
छत्तीसगढ़ के बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ के माउंट एवरेस्ट फतह किये जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रात 12:30 बजे ट्वीट कर नैना को शुभकानाएं दीं. उन्होंने नैना को माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला लिखा है. उसके बाद आईएसएस प्रियंका शुक्ला समेत कई अधिकारियों ने प्रथम महिला कहकर नैना को बधाई दी है. हालांकि भिलाई के लोगों ने सोशल मीडिया में नैना को छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला जिन्होंने माउंट एवरेस्ट को फतह किया कहे जाने को लेकर आपत्ति जताई है.
बछेंद्री पाल के साथ किया एवरेस्ट फतहभिलाई की बहू सविता धपवाल भारत की पहली माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पद्मश्री बछेंद्री पाल (Padmashree Bachendri Pal) के ग्रुप के साथ माउंट एवरेस्ट पर गई थीं. सविता से बात करने पर उन्होंने बताया कि 1993 में उन्होंने एवरेस्ट फतह किया है. जैसे ही खबर आई कि नैना सिंह धाकड़ ने माउंट एवरेस्ट फतह किया है, तो सोशल मीडिया पर बधाईयों का दौर शुरू हो गया. बधाईयां बनती भी है, क्योंकि उस चोटी को छूकर आना कोई छोटी बात नहीं है. वह अपने आप में बड़ा काम है, लेकिन इतिहास को भी झुठलाया नहीं जा सकता.
पर्वतारोहण के क्षेत्र में उपलब्धि 1992 में हुई थी शादीसविता बताती हैं कि उनका जन्म उत्तराखंड में हुआ. शादी से पहले उनका नाम सविता मार्तोलिया था. 1992 में उनकी शादी भिलाई के हुकुमचंद धपवाल के साथ हुई. हुकुमचंद बीएसपी में जीएम के पद पर कार्यरत हैं और सविता बीएसपी के एजुकेशन डिपार्टमेंट में हैं. उन्होंने बताया कि माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से वे मिल चुकी हैं.
हालांकि आधिकारिक तौर पर नैना सिंह धाकड़ ही छत्तीसगढ़ की पहली महिला हैं, जिन्होंने एवरेस्ट फतह किया है. क्योंकि 1993 में जब सविता धपवाल ने ये उपलब्धि हासिल की थी, तब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन ही नहीं हुआ था. छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ है.