दुर्ग: प्रदेश में सरकार ने खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीब तबके के लोगों के लिए नया बीपीएल राशन कार्ड बनाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद नए सिरे से जिले के भटगांव गांव में राशन कार्ड का निर्माण किया जा रहा है. वहीं ग्रामीणों ने सरपंच, उपसरपंच और सचिव पर आरोप लगाया है कि राशन कार्ड की आड़ में वे ग्रामीणों से जबरन संपत्ति की वसूली कर रहे हैं.
बीपीएल कार्ड बनाने को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप, घेरे में सरपंच ग्रामीणों का आरोप है कि राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर ग्राम पंचायत के सरपंच, उपसरपंच और सचिव मिलकर राशन कार्ड देने के एवज में लोगों से संपत्ति कर की वसूली की जा रही है. इस गांव में बीपीएल राशन कार्ड की संख्या 450 से अधिक है और सभी हितग्राहियों से ग्राम पंचायत टैक्स के नाम पर पैसा वसूली की जा रही है.
वसूली की जा रही है सम्पति कर की राशि
ग्रामीणों का कहना है कि राशन कार्ड सरकार की ओर से निशुल्क बनाया जा रहा है, लेकिन सरपंच की ओर से सम्पति कर की राशि वसूल की जा रही है. वहीं जो हितग्राही टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं, उनका राशन कार्ड देने से वे मना कर रहे हैं.
टैक्स की जबरन वसूली की जा रही है
लोगों का आरोप है कि पंचायत द्वारा ग्रामीणों से आगामी टैक्स की जबरन वसूली की है और सरपंच की ओर से राशन दुकान संचालक को निर्देशित किया गया है कि टैक्स की रसीद देखने के बाद ही राशन दें.
राशन कार्ड के नाम पर नहीं की जा रही वसूली : उपसरपंच
वहीं उपसरपंच का कहना है कि राशन कार्ड के नाम पर वसूली नहीं की जा रही बल्कि संपत्ति कर की वसूली की जा रही है. इसके साथ ही उसने कहा कि हितग्राही को राशन कार्ड देने के साथ ही उससे संपत्ति कर देने के लिए कहा जा रहा है. इसकी वजह ये है कि इस समय सभी लोग पंचायत में आते हैं और टैक्स की वसूली भी हो जाती है. राशन दुकान में किसी का राशन नहीं रोका गया है. सरपंच ने सभी को राशन मिलने की बात कही है.
कोई भी नागरिक भूखा और कुपोषित ना रहे
बता दें कि राज्य सरकार अपने नागरिकों के लिए खाद्यान सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान उपलब्ध करने के लिए राशन कार्ड बनवा रही है ताकि कोई भी नागरिक भूखा और कुपोषित न रहे. पास के कुछ स्थानों पर पंचायत अपनी मनमानी कर राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना को नुकसान लगाने पर तुले हैं.