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7 साल बाद जेल से छूटे भिलाई के बदमाश 'मथुरा' को दुर्ग पुलिस ने फिर जेल भेजा - बदमाश मथुरा को दुर्ग पुलिस ने फिर जेल भेजा

7 साल बाद जेल से छूटे भिलाई के बदमाश 'मथुरा' को दुर्ग पुलिस ने फिर जेल भेज दिया है. मथुरा दो महीने पहले ही छूट कर आया था. सोशल मीडिया पर उसके फॉलोवर्स 'मथुरा इज बैक' कह कर उसका स्वागत कर रहे थे. जेल से निकलते ही उसने फिर से दबंगई शुरू कर दी थी. उसकी बढ़ती दबंगई को देखते हुए दुर्ग पुलिस ने उसे फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

Notorious punk mathura
कुख्यात बदमाश मथुरा

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Published : May 31, 2021, 8:06 PM IST

दुर्ग:7 साल जेल में बंद रहने के बाद दो महीने पहले छूटे भिलाई के चोर-बदमाश संतोष शर्मा उर्फ मथुरा को पुलिस ने फिर से जेल भेज दिया है. मथुरा दो महीने पहले ही जेल से छूट कर आया था. कुख्यात बदमाश होने की वजह से उसके फॉलोवर्स सोशल मीडिया पर 'मथुरा इज बैक' कहकर उसका स्वागत कर रहे थे. इससे उसका हौसला और बढ़ गया था. जेल से आते ही उसने फिर से दबंगई शुरू कर दी थी. पुलिस ने सोशल मीडिया में तेजी के साथ मथुरा को ट्रोल होता देख उसकी निगरानी शुरू कर दी थी. उसकी बढ़ती दबंगई को देखते हुए दुर्ग पुलिस ने उसे फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.


संरक्षण के लिए राजनीतिक लोगों के बीच उठना-बैठना किया शुरू
दुर्ग एडीशनल एसपी संजय ध्रुव (Durg Additional SP Sanjay Dhruv) ने बताया कि मथुरा एक शातिर बदमाश है. 7 साल बाद जेल से छूटकर लौटा था. आते ही छोटे बदमाशों और लोगों में अपना दबदबा कायम करना शुरू कर दिया था. उसने अपना गेटअप और स्टाइल बदला. इसके अलावा राजनीतिक लोगों में उठना बैठना चालू कर दिया था. जिससे अपना दायरा बढ़ा सके और संरक्षण मिल सके. दुर्ग पुलिस की सजगता और सतर्कता ने उसके सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया. उसे पुलिस ने धर दबोचा और एक बार फिर जेल भेज दिया है. एडीशन एसपी ने बताया कि ट्रेन में पॉकेटमारी से अपराध की दुनिया कदम रखने वाले मथुरा के छावनी खुर्सीपार और सुपेला में चाकूबादी, मारपीट, चोरी, आर्म्स एक्ट हत्या का प्रयास समेत दर्जनों मामले दर्ज है.

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'तू कर मैं हूं न' की तर्ज पर काम करवाना किया था शुरू
पुलिस के मुताबिक बदमाश मथुरा के जेल से छूटने के बाद शहर के चोर बदमाशों ने अपने जन्मदिन पर मथुरा को इनवाइट करना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे उसकी दबंगाई शहर में फिर से दिखनी शुरू हो गई थी. छावनी, खुर्सीपार, वैशालीनगर, सुपेला और जामुल इलाकों में घूम-घूम कर पुराने बदमाशों की बैठकें लेना शुरू कर दिया था. इतना ही नहीं बल्कि 'तू कर मैं हूं न' की तर्ज पर छुटमुट काम करवाना भी शुरू कर दिया, लेकिन उसकी सारी गतिविधियों पर पुलिस की पैनी नजर थी. यहीं वजह है कि पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ अभियान के दौरान पुराने मामलों फिर से जेल भेज दिया है.

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