दुर्ग :शहर के बीचों बीच एक जंगल और उस जंगल में कमल से घिरा हुआ सरोवर. सरोवर के ठीक बगल में ओपन थियेटर और उस थियेटर में कालिदास के सुंदर नाटक ऋतुसंहार का दृश्यांकन.पक्षियों की चहचहाहट बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह सुनाई दे रही हो. इसकी कल्पना करने मात्र से अलग ही सुकुन का अनुभव होता है. ऐसा ही कुछ अगर आपके शहर में बन जाए तो बात ही अलग होगी. दरअसल भिलाई-दुर्ग के बीच जैव विविधता पार्क(Biodiversity Park) में यह सारी सुविधाएं नजर आने वाली है. 250 एकड़ में तैयार हो रहे इस पार्क में वेटलैंड(wetland) होने की वजह से अनेक देशी-विदेशी पक्षियों का बसेरा होगा. हजारों पेड़ों की छांव के बीच पाथ-वे में घूमते हुए लोग खुद को बिल्कुल प्रकृति के नजदीक पाएंगे. प्रवासीय पक्षियों को भी देख पाएंगे.
भिलाई-दुर्ग के बीच जैव विविधता पार्क मॉर्निंग वॉक के लिए तैयार हो रहा पाथ-वेपार्क में 3 किमी एरिया में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए पाथ-वे बनाया जा रहा है. इस पाथ-वे के आसपास हरियाली होगी. पौधे लगाने का काम तेजी से शुरू हो चुका है. मनोरंजन के लिए एडवेन्चर गेम भी शुरू करने की तैयारी है, ताकि बीच शहर में जंगल का एहसास कराकर एडवेन्चर गेम कराया जा सके. पार्क पहले ही विविध प्रजातियों के पेड़ों को लेकर काफी समृद्ध क्षेत्र रहा है. हाल ही में यहां सघन पौधरोपण भी किया गया. यह पौधरोपण यहां जैव विविधता को और भी समृद्ध कर रहा है.
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विदेशी पक्षियों की होगी बसाहट
दुर्ग डीएफओ धम्मशील गणवीर बताते हैं कि पक्षियों की बसाहट के लिए और उनकी बिल्डिंग के लिए पूरे सरोवर में फेंसिंग कराई जा रही है. पार्क में ओपन थिएटर और तालाबों में बोटिंग की व्यवस्था की जाएगी. एक तालाब को लोटस पॉन्ड के रूप में विकसित करने की कवायद की जा रही है. यह शानदार वेटलैंड है और संभावित तौर पर यह पक्षियों के लिए बेहतर बसाहट बनेगा. भविष्य में यह पार्क कई विदेशी पक्षियों के लिए पहचाना जाएगा. यहां पैराडाइज फ्लाई कैचर, ग्रेहार्नबिल और व्हिसलिंग डक्स जैसे विदेशी पक्षियों का आशियाना होगा.
पार्क में जगह-जगह लगेंगे लैंडमार्कभिलाई-दुर्ग के लोगों को प्रकृति का अहसास कराने के लिए बनाये जा रहे जैव विविधता पार्क में लैंडमार्क लगाए जाएंगे. 250 एकड़ में तैयार हो रहे इस पार्क में विभिन्न चीजें लोगों को देखने को मिलेगी. ऐसे में पर्यटकों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो इसके लिए लैंडमार्क लगाए जाएंगे. दुर्ग कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने निर्देश भी दिए हैं. यह शहर का पहला ऐसा पार्क होगा, जहां मेमोरियल कार्नर होगा. यहां लोग अपने प्रियजनों की स्मृति में पौधे लगाएंगे. मेमोरियल कार्नर बताएगा कि प्रकृति की रक्षा करने से हम अपने अस्तित्व की रक्षा कर सकते हैं.
लोगों को कराएंगे जंगल का अहसासदुर्ग कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे(Collector Dr Sarveshwar Narendra Bhure) ने बताया कि भिलाई-दुर्ग इंडस्ट्रियल एरिया होने के साथ ही अर्बन इलाका भी है. ऐसे में हम जैवविविधता पार्क में लोगों को जंगल का अहसास करना चाहते हैं. हमारे यहां जंगल नहीं है. यहां विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों का लोग आनंद उठा सकते हैं. इसे पूरी तरह जंगल की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है.
जैव विविधता पार्क पर एक नजर- भिलाई दुर्ग के बीच 250 एकड़ में बनाया जा रहा पार्क
- 1.5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा
- 3 किमी एरिया में बनेगा पाथ-वे
- 50 हजार पौधे लगाए जा रहे
- 2 हजार लोग प्रकृति की गोद में एक साथ कर सकते हैं मॉर्निंग-इवनिंग वॉक
- ओपन थियेटर का उठा सकेंगे लुफ्त
- विदेशी पक्षियां होंगी आकर्षण का केंद्र
- कमल से घिरा होगा सरोवर
- बोटिंग की भी होगी व्यवस्था