रायपुर: पाई एक बहुत बड़ा इर्रेशनल नंबर है. जिसका एग्जैक्ट वैल्यू किसी को नहीं पता. पाई की सटीक वैल्यू नहीं निकाली जा सकती. इसलिए हम कभी भी किसी सर्कल की भी सटीक एरिया को पता नहीं लगा सकते. पाई का जिक्र मिस्र की पौराणिक कथाओं में मिलता है. मिस्र के लोगों का मानना था कि गीज़ा के पिरामिड पाई के सिद्धांतों पर बनाए गए हैं. 2009 में संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिनिधि सभा ने 14 मार्च को पाई दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी. जिसे यूनेस्को ने भी 2019 में अपने सामान्य सम्मेलन के दौरान पाई दिवस को 'गणित के अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के रूप में मान्यता दी.
पाई का इतिहास:पाई के वैल्यु के बारे में सबसे पहले आर्किमिडीज ऑफ सिरैक्यूज नामक गणितज्ञ ने की थी. इसे बाद में वैज्ञानिक समुदाय से इसे स्वीकार किया था. जब लियोनहार्ड यूलर ने 1737 में पाई के प्रतीक का इस्तेमाल किया.