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नाग पंचमी पर लोगों ने किए स्वयंभू नाग देवता के दर्शन - सर्पदंश

भिलाई स्टील प्लांट के देउरझाल के पास नाग की प्रतिमा बनी हुई है, जहां हर साल नाग पंचमी के दिन एक मेला जैसा लगता है. लोगों का कहना है कि यह प्रतिमा जमीन से निकली हुई है. नाग पंचमी के दिन पूरी आस्था और विश्वास के साथ यहां लोग नाग देवता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

People worshiped snake on Nag Panchami in durg
नागपंचमी

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Published : Jul 25, 2020, 6:53 PM IST

Updated : Jul 26, 2020, 6:01 AM IST

दुर्ग : नंदिनी अहिवारा विधानसभा के ग्राम देवर जाल में स्वयंभू नाग देवता की मूर्ति है. यहां पर एक पत्थर में नाग की छवि बनी है, जोकि नंदिनी अहिवारा के बीएसपी प्लांट के लाइमस्टोन खदान के पास में स्थित है. हर साल स्वयंभूनाथ देवता का दर्शन करने के लिए कई दर्शनार्थी दूर-दूर से पहुंचते हैं और जल दूध और फल फूल से नाग देवता की पूजा करते हैं.

स्वयंभू नाग देवता के दर्शन

इस बार नाग पंचमी के अवसर पर यहां अच्छी खास भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालुओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन के साथ ही मास्क का उपयोग करते हुए नाग देवता की पूजा अर्चना की. इस दौरान यहां कई सपेरे भी मौजूद थे, जो लोगों को सांप के दर्शन करा रहे थे. इस दौरान मौके पर CISF के जवान भी तैनात थे. जिन्होंने श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने के लिए प्रेरित करते हुए सबको नाग देवता के दर्शन कराया.

दुर्ग में नाग पंचमी

पढ़ें : नागपंचमी SPECIAL: ये है छत्तीसगढ़ का नागलोक, यहां है खतरनाक और जहरीले सांपों का बसेरा

जमीन से निकली प्रतिमा
पिछले कई साल से नंदिनी अहिवारा के भिलाई स्टील प्लांट के देउरझाल के पास नाग की प्रतिमा बनी हुई है, जहां हर नाग पंचमी के दिन एक मेला जैसा लगता है. लोगों का कहना है कि यह प्रतिमा जमीन से निकली हुई है. नाग पंचमी के दिन पूरी आस्था और विश्वास के साथ यहां लोग नाग देवता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

जशपुर में सांप का बसेरा

जशपुर की आबोहवा में कोबरा जैसी जहरीली प्रजाति के सांपों वास है. यह सांप खतरे की आशंका मात्र पर हमला कर देते हैं. कोरबा अगर किसी को डंस ले और उसे समय पर इलाज न मिले, तो मौत होना तय है. यहां हर साल कई मौतें सिर्फ सर्पदंश से ही होती हैं.

सर्पदंश से मृत्यु के केस में आई कमी

सर्पदंश से हुई ज्यादातर मौतों के पीछे कोबरा या करैत ही होते हैं. जिले में सर्पदंश से अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि वन विभाग, प्रशासन और युवाओं की साझा पहल के कारण पिछले कुछ सालों में यहां सर्पदंश से होने वाली मौत का आंकड़ा कम हुआ है. इसके साथ ही अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद है, जिसकी वजह से सर्पदंश से मृत्य दर में कमी आई है.

Last Updated : Jul 26, 2020, 6:01 AM IST

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