छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

महिला सशक्तिकरण: एक गांव, जहां हर घर की नेमप्लेट में है महिला मुखिया का नाम - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

दुर्ग जिले में महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल देखने को मिली है. यहां के हर घर के नाम में मुखिया के नाम के आगे घर की महिला का नाम लिखा जाता है. इस गांव की महिलाएं खुद को मिले इस सम्मान से काफी खुश है.

patora-gram-panchayat-sets-example-of-women-empowerment-in-durg-district
ग्राम पंचायत पतोरा

By

Published : Mar 14, 2021, 1:59 PM IST

Updated : Mar 14, 2021, 2:13 PM IST

दुर्ग: जिले से लगे पतोरा ग्राम पंचायत ने महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल पेश की है. पतोरा में हर घर के बाहर मुखिया का नाम महिला के नाम पर है. यहां के पंचायत ने तय किया कि महिला सशक्तिकरण तभी होगा जब महिलाओं के हाथ में जिम्मेदारी होगी. महिलाएं घर में वास्तविक मुखिया की भूमिका अदा करती है. लेकिन घर के सामने नाम पुरुषों का होता है. ग्राम पतोरा ने इस चलन को बदला और हर घर के बाहर महिला मुखिया का नाम लिखवाया. इस अभिनव पहल की वजह से इस गांव की तारीफ अब छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक होने लगी है.

ग्राम पंचायत पतोरा में महिला सशक्तिकरण

गांव में 840 मकान, सभी में महिलाओं के नाम

पतोरा सम्भवतः देश का पहला गांव होगा, जहां की पंचायत ने घर के बाहर पुरुष की जगह महिला मुखिया के नाम लिखने की शुरुआत की है. अब इस पहल की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है. पतोरा की जनसंख्या 3500 के करीब है. इसके साथ ही यहां 840 मकान है. महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करने वाले इस ग्राम पंचायत ने सभी घरों के दरवाजे के पास महिलाओं के नाम लिखवाए हैं. ताकि महिलाएं पुरुषों के नाम से नहीं बल्कि खुद के नाम से पहचानी जा सके.

ग्राम पंचायत पतोरा

गांव की महिलाओं में खुशी की लहर

घरों के सामने नेमप्लेट पर उनके नाम लिखे जाने से महिलाओं में खुशी की लहर है. ETV भारत से बात करते हुए जमुना ठाकुर ने बताया कि हमारा गांव पहला ऐसा गांव है, जहां घरों के बाहर महिलाओं के नाम लिखे गए हैं. उन्हें इस बात की खुशी है. अब महिलाओं को भी सम्मान मिलना शुरू हो गया है. इस नेक पहल के लिए उन्होंने गांव की सरपंच का आभार जताया है.

घर के सामने महिला मुखिया का नाम

बिलासपुर पुलिस महिलाओं को कर रही अपराधों के प्रति जागरूक

'पतोरा ही नहीं, देश में हो ऐसी शुरुआत'

गांव की युवती दिव्या साहू बताती है कि गांव की पंचायत ने जो नेक पहल की है, वो काफी सराहनीय है. ऐसा काम ना केवल पतोरा गांव में हो, बल्कि सम्पूर्ण विश्व में महिलाओं का नाम घर के बाहर होना चाहिए. इससे कहीं न कहीं महिलाओं को पहचान मिलेगी, बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल पेश की जाएगी.

ग्राम पंचायत पतोरा

'गांव के पुरुषों ने की सराहना'

इस पहल को गांव के पुरुषों ने सराहा है. गोपेश साहू बताते हैं कि स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर परिवार का संचालन करते हैं और घर के अधिकतर निर्णय महिलाएं ही लेती है. घर के मुखिया के रूप में महिला को ही जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. इस तरह से महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने की दिशा में अच्छा कदम होगा.

घर के सामने महिला मुखिया का नाम

महिला जागरूकता अभियान के तहत 55 महिलाओं का सम्मान

पंचायत ने लिया निर्णय

गांव की सरपंच अंजिता साहू ने ETV भारत को बताया कि गांव में हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता था. लेकिन इस बार कुछ अलग ही निर्णय लिया. जिसमें महिलाओं के नाम मुखिया के तौर पर लिखा जाए, ताकि महिला अपने खुद के नाम से पहचानी जा सके.

महिला सशक्तिकरण के साथ स्वच्छता पर भी जोर

दुर्ग जिला पंचायत CEO सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि गांव ने महिला सशक्तिकरण की अभिनव पहल की है. इसकी काफी सराहना मिल रही है. उन्होंने बताया कि पतोरा ग्राम पंचायत महिला सशक्तिकरण के साथ स्वच्छता पर भी अच्छा काम कर रही है. इसकी सराहना दिल्ली से आई स्वच्छता की टीम ने भी की है.

Last Updated : Mar 14, 2021, 2:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details