दुर्ग: जिले से लगे पतोरा ग्राम पंचायत ने महिला सशक्तिकरण की अनोखी मिसाल पेश की है. पतोरा में हर घर के बाहर मुखिया का नाम महिला के नाम पर है. यहां के पंचायत ने तय किया कि महिला सशक्तिकरण तभी होगा जब महिलाओं के हाथ में जिम्मेदारी होगी. महिलाएं घर में वास्तविक मुखिया की भूमिका अदा करती है. लेकिन घर के सामने नाम पुरुषों का होता है. ग्राम पतोरा ने इस चलन को बदला और हर घर के बाहर महिला मुखिया का नाम लिखवाया. इस अभिनव पहल की वजह से इस गांव की तारीफ अब छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक होने लगी है.
गांव में 840 मकान, सभी में महिलाओं के नाम
पतोरा सम्भवतः देश का पहला गांव होगा, जहां की पंचायत ने घर के बाहर पुरुष की जगह महिला मुखिया के नाम लिखने की शुरुआत की है. अब इस पहल की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है. पतोरा की जनसंख्या 3500 के करीब है. इसके साथ ही यहां 840 मकान है. महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करने वाले इस ग्राम पंचायत ने सभी घरों के दरवाजे के पास महिलाओं के नाम लिखवाए हैं. ताकि महिलाएं पुरुषों के नाम से नहीं बल्कि खुद के नाम से पहचानी जा सके.
गांव की महिलाओं में खुशी की लहर
घरों के सामने नेमप्लेट पर उनके नाम लिखे जाने से महिलाओं में खुशी की लहर है. ETV भारत से बात करते हुए जमुना ठाकुर ने बताया कि हमारा गांव पहला ऐसा गांव है, जहां घरों के बाहर महिलाओं के नाम लिखे गए हैं. उन्हें इस बात की खुशी है. अब महिलाओं को भी सम्मान मिलना शुरू हो गया है. इस नेक पहल के लिए उन्होंने गांव की सरपंच का आभार जताया है.
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