दुर्ग : कोरोना वायरस ने धार्मिक कार्यक्रमों और अनुष्ठानों पर भी ग्रहण लगाया दिया है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने गणेश उत्सव के लिए गाइडलाइन जारी की थी. जिसे देखते हुए भगवान गणेश के भक्त उदास भी हुए. भक्तों की उदासी को देखते हुए जिला प्रशासन ने 4 फिट तक के गणेश प्रतिमा की स्थापना का आदेश जारी किए. लेकिन मुद्दा अब भी वहीं था कि कोरोना संकट में लोग बाजार कैसे जाए. जिसे ध्यान में रखते हुए दुर्ग के एक युवा दुकानदार ने नायाब तरीका निकाला.
आपदा को दुर्ग के 2 युवाओं ने अवसर में बदला दरअसल, दुर्ग जिले में सृजनशील लोगों की कमी नहीं है. लोग गणेश चतुर्थी में घरों में गणेश प्रतिमा विराजने को भयभीत थे. इसीलिए शहर के इस युवक ने ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई. ऑनलाइन पेमेंट के साथ ही बप्पा की होम डिलीवरी भी की. बता दें कि पोलसाय पारा में रहने वाले मयंक शर्मा और निखिल मोढवानी ने लोगों को गणेश प्रतिमाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई.
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मूर्तिकार प्रतिमा की बिक्री को लेकर परेशान थे, इसलिए उन्होंने ठाना की ऑनलाइन गणेश जी की मूर्ति लोगों को उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार शुरू किया. जिसमें प्रमुखता से उल्लेख किया कि घर बैठे बप्पा की मूर्ति आर्डर करें. मूर्ति की होम डिलवरी भी होगी. उनके इस काम का लोगों ने भी साथ दिया और मूर्ति के आर्डर मिलना शुरू हो गए. इतना ही नही मयंक ने ऐसे लोगों को खोज कर संपर्क किया जो हर साल गणेश चतुर्थी में गणेश प्रतिमा घर या प्रतिष्ठानों में विराजित करते थे.
ऑनलाइन बुकिंग के लिए जारी किया नंबर
मयंक और निखिल ने लोगों को समझा ही नहीं, बल्कि एक अच्छा प्लेटफार्म उपलब्ध कराया. ऑनलाइन गणेश प्रतिमा की बुकिंग के लिए उन्होंने एक नंबर भी जारी किया. सोशल मीडिया पर गणेश जी की मूर्तियों की फोटो डाली गई. जिस ग्राहक को जो मूर्ति पसंद आती, वे उसे बुक करते गए. जिसके मूर्तियों को पूरी सुरक्षा के साथ मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करके होम डिलीवरी की गई. कोरोना संकट में गणेश जी के भक्तों के लिए मूर्तियों की होम डिलीवरी किसी संजीवनी से कम नहीं थी.