दुर्ग : अपचारी बालकों की ओर से लगातार बाल सुधार गृह से भागने और अपराधों में दोबारा संलिप्तता को देखते हुए उनकी मानसिकता बदलने और समाज में अच्छे नागरिक बनकर जीने के लिए जिला प्रशासन ने पहल की है. दुर्ग के बाल सुधार गृह में किशोर न्याय अधिनियम और बाल अधिकारों को संरक्षित रखने के उद्देश्य से बालकों को योग और मेडिटेशन से जोड़कर उनकी मानसिक दशा सुधारने का प्रयास शुरू किया गया है.
सुधार गृह में रहने वाले आपचारी बालकों को उक्त साधना से गलत कार्यो में सुधार कर, मन परिवर्तन करते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उनके उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं. संस्थाओं में बार-बार अपराध कर आने वाले बच्चों की मन स्थिति को देखते हुए उनके अपराध करने की सोच को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए साधना के साथ-साथ ज्ञानवर्धक फिल्में भी दिखाई जा रही हैं.
18 से अधिक बार बच्चों ने की भागने की कोशिश
बता दें कि यह योग 7 दिनों तक लगातार सुबह 9 बजे से होगा. कार्यक्रम में आचार्य की ओर से बच्चों को नशा से दूर रहकर स्वस्थ जीवन जीने और अपराध का समाज ,परिवार और खुद के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया जाएगा. कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बताया कि बाल सुधार गृह की व्यवस्था सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और जो बच्चे बालिग हो गए हैं, उनकी जानकारी महिला बाल विकास विभाग को दी गई है, ताकि उन्हें नियमानुसार अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जाए.