दुर्ग:भिलाई के सिविक सेंटर में मंगलवार को गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने साइबर लेन और ट्रैफिक लेन का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने नक्सली हिंसा को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि नक्सल मोर्चे पर सरकार का स्टैंड साफ है. हमारी सरकार में सबसे ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.
2 सालों में सबसे ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया: ताम्रध्वज साहू नक्सल मोर्चे पर सरकार का स्टैंड साफ
18 जनवरी से 17 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है. पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए साइबर ठगी, ओटीपी फोन कॉल्स जैसे स्टॉल बनाए हैं. इसका शुभारंभ करने ताम्रध्वज साहू दुर्ग पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया ने उनसे मानपुर में नक्सलियों द्वारा की गई ग्रामीणों की हत्या पर सवाल किए थे. इसके जवाब में ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नक्सल मोर्चे पर हमारी सरकार का स्टैंड एकदम साफ है. हमें कामयाबी भी मिल रही है. पिछले दो साल में सबसे ज्यादा नक्सली आत्मसमर्पण किए हैं. उनकी घर वापसी लगातार हो रही है, हालांकि कुछ-एक घटनाओं में नक्सली कामयाब हो जाते हैं, लेकिन हमारे जवान लगातार हर मोर्चे पर तैनात हैं. ग्रामीणों को भी सुरक्षित रख रहे हैं और फर्जी मुठभेड़ भी नहीं हो रहे हैं.
साइबर लेन और ट्रैफिक लेन शुभारंभ साइबर लेन और ट्रैफिक लेन का शुभारंभ
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस अधिकारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि साल 2020 सभी के लिए बड़ा कठिन समय रहा. कोरोना की वजह से जहां हजारों लोगों की जान गई है, वहीं सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़ों ने भी चिंतित कर रखा है. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि नियमों का पालन कर हम अपना और अपने परिवार की सुरक्षा करते हैं.
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लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए
गृह मंत्री ने कहा कि स्कूल-कॉलेज के बच्चे खासतौर पर लड़कियों से उन्हें डर लगता है. लड़कियां रफ्तार से गाड़ी चलाती हैं, जिससे दुर्घटना होती है. गृह मंत्री ने साइबर अपराध को लेकर भी लोगों को जागरूक रहने के लिए कहा है. उन्होंने सभी को सजगता और सुरक्षित तरीके से लेनदेन करने की बात कही. उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन में अच्छाई है तो बुराई भी है. उन्होंने कहा कि साइबर ठगी, एटीएम क्लोनिंग और फर्जी फोन कॉल से बचें. इस तरह की कोई भी जानकारी मिलने पर पुलिस को सूचना दें. उन्होंवे कहा कि लोगों को अपनी जिम्मेदारी खुद निभाने पड़ेगी, तभी ऑनलाइन फ्रॉड से बचा जा सकता है.