छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

भगवान श्रीकृष्ण ने बाणासुर को बताया था इस मंदिर का माहात्म्य, असुर को महापाप से मिली थी मुक्ति

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग जिले में अहिवारा के पास एक गांव है गौ तीर्थ गांव के नाम से प्रसिद्ध बानबरद. यहां प्रवेश करते ही आपको गोकुल-सा नजारा दिखने लगेगा. इस गांव में भगवान विष्णु की आठ भुजाओं वाली प्रतिमा स्थापित है. इस मंदिर का उल्लेख पुराण में भी है. ऐसी मान्यता है कि भूलवश किसी व्यक्ति से अगर गौ हत्या हो जाती है तो यहां पूजा-अर्चना के बाद उसे इस महापाप से मुक्ति मिल जाती है. आइये जानते हैं छत्तीसगढ़ के इस अलौकिक मंदिर के बारे में...

Banbarad Vishnu Temple of Durg District
दुर्ग जिले का बानबरद विष्णु मंदिर

By

Published : Nov 23, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Nov 23, 2021, 7:31 PM IST

दुर्ग :छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक ऐसा गांव है, जहां देश के अलावा विदेशों से भी आकर गौ वंशों की भूलवश हत्या के महापाप से मुक्ति के लिए लोग पहुंचते हैं. हम बात कर रहे हैं दुर्ग जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर अहिवारा के निकट स्थित गौ तीर्थ गांव के नाम से प्रसिद्ध बानबरद की. इस गांव में घुसते अनायास ही आपको गोकुल-सा नजारा दिख जाएगा. हर तरफ गाय ही गाय नजर आने लगेगी. इस गांव की विशेषता यह है कि यहां एक ऐसा मंदिर है, जो भूलवश किये गए गौ हत्या के महापाप से मुक्ति दिलाता है. अनजाने में हुई गौ हत्या के महापाप से मुक्त होने लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं. यह देश का एक मात्र ऐसा मंदिर है. भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की आठ भुजाओं वाली मूर्ति इस मंदिर में स्थापित है, जो यहां की विशेषता है. इसका उल्लेख वेद और पुराणों में भी है.

दुर्ग जिले का बानबरद विष्णु मंदिर

भगवान श्रीकृष्ण ने बाणासुर को बताया था मंदिर का माहात्म्य

इस मंदिर का महात्म्य खुद भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) ने राक्षस बाणासुर को बताया था. मंदिर के बिल्कुल पास में ही पापमोचन कुंड भी है. ऐसी मान्यता है कि यहां स्नान करने के बाद गौ हत्या के महापाप से व्यक्ति मुक्त हो जाता है. गौ हत्या आध्यात्मिक नजरिये से सिर्फ महापाप ही नहीं बल्कि कानूनन भी घोर अपराध है. विशेषकर हिन्दू धर्म में गौ को माता की तरह पूजा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अनजाने में हुई गौ हत्या के महापाप से मुक्ति पाने लोग विधि-विधान से यहां गौ की पूजा कर पाप मोचन कुंड में स्नान करते हैं. कुंड में स्नान करने पर उन्हें इस महापाप से मुक्ति मिलती है.

पुराण में भी है इस पाप मोचन कुंड का उल्लेख

पौराणिक मान्यता है कि इस पाप मोचन कुंड का उल्लेख पुराणों में है. पुराण में बताया गया है कि बाणासुर (Banasura) से जब अनजाने में भगवान कृष्ण की गायों की हत्या हो गई थी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने ही बाणासुर को बानबरद जाकर कुंड में स्नान करने कहा था. जिससे गौ हत्या के पाप से उसे मुक्ति मिल गई थी.


गुप्त वंश के सिक्के भी मिले थे यहां

16वीं से 17वीं शताब्दी के बीच बने इस मंदिर की प्राचीन मान्यताएं हैं कि बानबरद गांव से ही गुप्त सम्राट (Gupta Emperor) के नौ स्वर्ण सिक्के प्राप्त हुए थे. इनमें एक सिक्का कुमार गुप्त का था. सात सिक्के स्कंदगुप्त के और एक सिक्का काचगुप्त का है. इन सभी सिक्कों को रायपुर के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है.

छ्त्तीसगढ़ ही नहीं दूसरे प्रदेशों से भी आते हैं लोग

गांव के पार्षद लीलाधर साहू ने बताया कि इस गौ तीर्थ बानबरद गांव में स्थित भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के मंदिर के ठीक बंगल में एक कुंड है. पौराणिक मान्यता है कि अगर भूलवश किसी इंसान से गौ वंश की हत्या हो जाती है तो इस गौ तीर्थ गांव में पहुंचकर मुंडन कराने के बाद कुंड में स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा कर उसे इस महापाप से मुक्ति मिल जाती है. वहीं मंदिर के केयर टेकर योगेश यादव ने बताया कि 3 साल से वह इस मंदिर का केयर टेकर है. रोज यहां आने वालों के नाम रजिस्टर में एंट्री करता हूं. पिछले कुछ दिनों पूर्व यहां नागालैंड से भी कई लोग आये थे. जबकि छत्तीसगढ़ के आलावा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उड़ीसा समेत अन्य राज्यों से भी लोग इस महापाप से मुक्ति के लिए यहां आ चुके हैं.

Last Updated : Nov 23, 2021, 7:31 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details