दुर्ग:छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. दुर्ग जिले ने प्रदेश को कई हीरे जैसे खिलाड़ी दिए हैं, जिनकी चमक से राज्य का नाम रोशन हुआ है. लेकिन दुर्भाग्य है कि मेडल लाने वाले ये प्लेयर्स किस्मत और कठिनाइयों के आगे हार जाते हैं. जिले की ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं शिवानी वैष्णव (Shivani Vaishnav). शिवानी ताइक्वांडो (taekwondo) और कराटे (karate) में इंटरनेशनल खेल चुकी हैं. लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से उनका खेल का करियर खत्म करने की कगार पर पहुंच गया है. शिवानी ने सीएम भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) से मांग की है कि परिवार की हालत ठीक नहीं होने के कारण उसे अपना खेल छोड़कर दूसरा काम करना पड़ रहा है. लिहाजा सरकार उसकी और उसके परिवार की मदद करे.
स्टेट लेवल पर 14 गोल्ड हासिल किए
- शिवानी ने ब्लॉक स्तर से ताइक्वांडो (taekwondo) का सफर शुरू किया.
- साल 2017-18 में बलौदाबाजार स्टेट लेवल में स्वर्ण पदक पाया था.
- इसके बाद 2018 में नेशनल कराटे में सिल्वर मेडल जीता.
- इसी तरह दिल्ली में 2019-20 में नेशनल कॉम्पटिशन में शिवानी (Shivani) ने गोल्ड मेडल जीता.
- साल 2019 में इंटरनेशनल ताइक्वांडो (international taekwondo) में कुर्की-वन में कोलकाता में हुई स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता.
- शिवानी ने अब तक स्टेट लेवल में 14 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इतना ही नहीं शिवानी महज 17 साल की उम्र में ताइक्वांडो की स्टेट रेफरी भी रह चुकी है. बच्चों को ताइक्वॉन्डो कोचिंग देती है शिवानी
17 साल की उम्र में परिवार संभाल रही हैं शिवानी
दुर्ग जिले के कुम्हारी में रहने वाली शिवानी (Shivani) ने महज 17 साल की उम्र में खेल जगत में अच्छा नाम कमाया है. लेकिन परिस्थतियों ने कम उम्र में ही उसके कांधे पर एक बड़ा बोझ लाद दिया है. पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद से परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है. मां लकड़ी टाल में काम करने को मजबूर है. लेकिन मां जितना पैसा वह कमाती हैं, वो पिता के इलाज में चला जाता है. पिता की हालत और घर की जिम्मेदारी को देखते हुए शिवानी ने बच्चों को ताइक्वांडो की कोचिंग देनी शुरू की. लेकिन कोरोना (corona) की वजह से कोचिंग बंद हो गई. हालांकि इस दौरान शिवानी (Shivani) कुछ बच्चों के घरों में जाकर ट्रेनिंग दे रही हैं. लेकिन जब इससे भी खर्चे पूरे नहीं हुए तो उन्हें सिलाई शुरू करनी पड़ी. उससे भी बात नहीं बनी तो अब मोहल्ले के लोगों के कपड़े सिलकर उससे कुछ पैसे कमा रही है.
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घर में चलाती हैं दुकान
परिवार की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से शिवानी (Shivani Vaishnav ) घर में एक छोटी सी दुकान भी चलाती हैं. दुकान में ही वह सिलाई का भी काम करती हैं. लेकिन कोरोना महामारी (corona pandemic) और लॉकडाउन (locldown) की वजह से ना तो दुकान ठीक से संचालित हो सकी और ना ही सिलाई का काम बेहतर हो सका. लॉकडाउन में मां का काम भी बंद हो गया. जिसकी वजह से काफी मुश्किल हो गई. ETV भारत से बात करते हुए शिवानी बताती हैं कि घर की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. एक बड़ा भाई है, लेकिन वह भी शादी के बाद से बाहर रह रहा है. ऐसे में भाई और एक छोटी बहन की पढ़ाई के साथ पिता की देखरेख करना किसी चुनौती से कम नहीं है. शिवानी कहती हैं कि कोच के सपोर्ट की वजह से वो कोचिंग देने की हिम्मत जुटा पाती हैं.