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दुर्ग में घर-घर कचरा उठाने वाली दीदियां अपने पैसे से मास्क और दस्ताने खरीद रही हैं ! - दुर्ग न्यूज

दुर्ग में स्वच्छता दीदियों की सुनने वाला कोई नहीं है. दिन-रात सफाई के काम में जुटी स्वच्छता दीदियों ने ETV भारत को बताया कि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्हें मास्क और ग्लव्स भी खुद के पैसे से खरीदकर पहनना पड़ता है.

Hygiene sister are risking their lives by taking their lives in durg
जान जोखिम में डालकर अपना अपना दायित्व निभा रहीं स्वच्छता दीदियां

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Published : Apr 23, 2021, 5:25 AM IST

Updated : Apr 23, 2021, 1:11 PM IST

दुर्ग:कोरोना का नाम सुनकर अच्छे-अच्छों के शरीर में सिहरन दौड़ जा रही है. इतना ही नहीं यदि किसी के घर की गेट पर कोविड-19 का बैनर लगा हुआ होता है, तो वहां से लोग दूरी बनाकर जा रहे हैं. ऐसे में हमारी स्वच्छता दीदियां अपनी जान जोखिम में डालकर शहर में सफाई की काम कर रही हैं. कोरोना संक्रमितों के घर से कचरे का भी उठाव कर रही हैं. लेकिन इन दीदियों को न तो ग्लव्स दिया गया है और न ही मास्क. ये बिना ग्लव्स के ही कचरे का उठाव कर रही हैं. जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है. हालांकि निगम प्रशासन यह दावा कर रहा है कि स्वच्छता दीदियों को दस्ताना, मास्क और सैनिटाइजर दिया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर निगम के सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं.

दुर्ग में चारों निगम में हैं 1500 से अधिक सफाई कर्मचारी

छत्तीसगढ़ में रायपुर के बाद दुर्ग जिला कोरोना के मामले में हॉट स्पॉट बना हुआ है. जिले में हर रोज 1500 से अधिक नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. यहां कोई ऐसा इलाका नहीं बचा होगा, जहां संक्रमित मरीज न मिले हों. इसके बावजूद स्वच्छता दीदियां अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहीं हैं. वे रोजाना सुबह लोगों के घरों से कचरे का उठाव करती हैं. दुर्ग के चारों निगम क्षेत्रों में 1500 से अधिक स्वच्छता दीदियां हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी को लेकर अधिकारी खामोशी से काम चला रहे हैं.

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खुद के पैसे से खरीद रही मास्क

टाउनशिप इलाके की सफाई में जुटी स्वच्छता दीदी ने बताया कि आपदा के दौर में अपना दायित्व निभाना जरूरी है. अगर वे ही पीछे हट जाएंगी, तो कोरोना महामारी से कैसे निपटा जा सकता है. हलांकि उन्होंने सुविधाओं के नाम पर अपने ठेकेदार पर जरूर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि ग्लव्स की बात तो छोड़िए, उन्हें मास्क भी नसीब नहीं हो रहा. जो मास्क पहनी हैं, वह खुद के पैसों से खरीदा हुआ होता है. वहीं रिसाली निगम क्षेत्र की स्वच्छता दीदी ने कहा कि उन्हें भी खुद मास्क खरीदकर पहनना पड़ता है. बड़े अधिकारी केवल कहते हैं, लेकिन ठेकेदार उन्हें कुछ नहीं देता है.

दुर्ग निगम में होम आइसोलेशन के लिए अलग से सफाईकर्मी

जिले में चार नगर निगम हैं. जिनमें से दुर्ग नगर निगम ने सफाई कर्मियों की दो टीम बनाई है. इसमें से होम आइसोलेशन वाले घरों से कचरे के उठाव के लिए 8 गाड़ियां और सफाईकर्मियों टीम बनाई है. जो केवल होम आइसोलेशन वाले घरों से कचरे का उठाव करती हैं. इन्हें निगम की ओर से पीपीई किट भी प्रोवाइड की गई है. इसके अलावा अन्य सफाईकर्मियों को ग्लव्स, मास्क और सैनिटाइजर दिया गया, जो लोगों के घरों से कचरा उठाने का काम करते हैं.

कहां कितने सफाईकर्मी ?

भिलाई नगर निगम करीब 1000 सफाई कर्मी
दुर्ग नगर निगम करीब 800 सफाई कर्मी
रिसाली नगर निगम करीब 300 सफाई कर्मी
चरोदा नगर निगम 97 सफाई कर्मी

सफाईकर्मियों को पीपीई किट से लेकर मास्क भी निगम ने दिया

दुर्ग निगम के आयुक्त हरेश मंडावी का कहना है कि उनके क्षेत्र में काम कर रही सभी स्वच्छता दीदियों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से दो टीम बनाई गई है. इसमें एक टीम होम आइसोलेशन वाले घरों से कचरे का उठाव करती है, जिन्हें पीपीई किट भी दिया गया है. वहीं दूसरी टीम को ग्लव्स, सैनिटाइजर और मास्क भी उपलब्ध कराया गया है.

ठेकेदार को दी गई है जिम्मेदारी

भिलाई नगर निगम के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने बताया कि हमारे सभी सफाईकर्मियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर दिया जा रहा है. इसके साथ ही ठेकेदार को भी सफाईकर्मियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया गया है. निगम डायरेक्ट सफाईकर्मियों को ये सुविधाएं प्रोवाइड नहीं कराता. ठेकेदार के माध्यम से दिया जा रहा है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी ठेकेदार को ही दी गई है.

Last Updated : Apr 23, 2021, 1:11 PM IST

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