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दुर्ग के इस गांव में क्यों नहीं होता होलिका दहन, सूनी रहती है होली ?

दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के गोंडपेंड्री गांव में करीब 35 साल पहले किसी बात को लेकर इतना विवाद हुआ कि खून-खराबा हो गया. बात अदालत तक पहुंच गई. इसके बाद बुजुर्गों ने होली से पहले की एक बड़ी परंपरा न मनाने का फैसला लिया.

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दुर्ग जिले के गोंडपेंड्री गांव में होलिका दहन नहीं होता

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Published : Mar 26, 2021, 3:38 PM IST

Updated : Mar 28, 2021, 12:47 PM IST

दुर्ग:होली से पहले होलिका दहन की परंपरा है. देश के हर कोने में होलिका दहन किया जाता है. लेकिन जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां ये परंपरा नहीं निभाई जाती है. पाटन ब्लॉक के गोंड़पेंड्री गांव के लोग आखिर क्यों इस परंपरा को नहीं निभाते हैं ? ऐसी क्या वजह है जिसकी वजह से इस गांव में होलिका दहन बंद कर दिया गया ?

गोंडपेंड्री गांव में सालों से नहीं हुआ होलिका दहन

गोंडपेंड्री गांव में नहीं होता होलिका दहन

दुर्ग जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर गोंड़पेंड्री गांव है. कहा जाता है कि गांव में सालों पहले दो समुदायों के बीच जमकर लड़ाई हुई थी. उसके बाद से लेकर अब तक गांव में होलिका दहन नहीं हुआ है. गांव वालों की मानें तो होली त्योहार में बाकी गांवों की तरह इस गांव में कोई खास माहौल नहीं रहता. यहां केवल सन्नाटा पसरा रहता है.

गोंडपेंड्री गांव में नहीं होता होलिका दहन

बुजुर्गों ने होलिका दहन नहीं करने का लिया फैसला

गांव के राधेश्याम साहू बताते हैं कि लगभग 35 साल पहले होलिका दहन पर बड़े-बुजुर्गों का काफी विवाद हुआ था. मामला मारपीट तक पहुंच गया था. उसके बाद गांव के बुजुर्गों ने होलिका दहन नहीं करने का फैसला लिया. उस फैसले के बाद आज तक गांव में होलिका दहन नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि इस फैसले का स्वागत गांव के तमाम लोगों ने किया है. उसका पालन आज भी गांव के युवा करते आ रहे हैं.

गोंडपेंड्री गांव

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पहले की तरह नहीं मनाई जाती होली

गांव के बुजुर्ग धनुष राम यदु कहते हैं कि सालों पहले दो समुदाय के बीच जमकर विवाद हुआ. मामला कोर्ट तक पहुंच गया था. उसके बाद से गांव वालों ने होलिका दहन करना बंद कर दिया. पहले की तरह होली पर रौनक भी नहीं होती. उन्होंने बताया कि पहले गांव में नगाड़ा बजाया जाता था. गांव वाले डंडा नाच करते थे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होता. हालांकि गांव के बच्चे थोड़ा बहुत रंग गुलाल लगा लेते हैं, लेकिन बुजुर्ग इन सब से दूर रहते हैं.

गोंडपेंड्री

विवाद की वजह से नहीं करते होलिका दहन

गांव के कोतवाल लक्ष्मण कुमार कहते हैं कि गांव में अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है. छोटे बच्चे थोड़ा बहुत होली खेल लेते हैं, लेकिन पहले जिस तरह से परंपरागत होली मनाई जाती थी वैसे अब नहीं होता.

Last Updated : Mar 28, 2021, 12:47 PM IST

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