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पिछली गलती से सबक लेकर जागा प्रशासन, अलर्ट पर निगम और स्वास्थ्य विभाग - डेंगू का कहर

दुर्ग में बीते साल डेंगू के कहर से हुई 50 से ज्यादा मौतों के बाद इस बार जिला प्रशासन सतर्क है. यहां बरसात से पहले डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए तमाम तरह की सावधानियां बरती जा रही है.

बैठक करते निगम के अधिकारी

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Published : Jul 4, 2019, 2:06 PM IST

दुर्ग: बरसात आते ही शहर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी दिखने लगता है. मौसमी बीमारियों में पीलिया, डेंगू का प्रभाव सबसे ज्यादा दिखता है. इस बार सूबे के मुखिया भूपेश बघेल के गृह जिले में डेंगू से निपटने के लिए व्यपाक तैयारी की जा रही है.

डेंगू और मलेरिया को लेकर अलर्ट पर निगम और स्वास्थ्य विभाग

दुर्ग जिले में हर साल डेंगू और पीलिया से कई लोगों की मौत हो जाती है. जिसे रोकने के लिए इस बार निगम प्रसाशन पहले ही अलर्ट है. दुर्ग शहर के सभी 60 वार्ड और भिलाई नगर निगम के 70 वार्डों में इस बार डेंगू या महामारी न फैले इसके लिए विशेष इंतजाम अभी से किए जा रहे हैं. दुर्ग के सभी 60 वार्डों और भिलाई के सभी 70 वार्डों में टेमीफॉस की दवा बांटी गई है. नगर निगम द्वारा आंगनबाड़ी सहायिका और मितानिनों के माध्यम से सभी वार्ड में निशुल्क दवा का वितरण किया जा रहा है. इसके अलावा 1 लाख से अधिक घरो में स्प्रे भी किया गया है.

पिछले साल हुई थी 50 से ज्यादा मौतें
दरअसल, हर साल बारिश के कारण शहर के निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति रहती है. जिसके कारण डेंगू और पीलिया जैसी जानलेवा बीमारी के फैलने का भी खतरा मंडराने लगता है. डेंगू और पीलिया से दुर्ग जिले में हर साल कई मौतें होती है. पिछले साल अकेले दुर्ग जिले में 50 से अधिक मौतें हुई थी. जिसके बाद इस साल प्रशासन ने इसे रोकने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है.

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