दुर्ग : दुर्ग जिले के अहिवारा में एक ऐसा स्थान है जहां पर आपको गौ हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है.इस जगह का नाम है बानबरद. इस गांव में घुसने के बाद आपको हर तरफ गाय नजर आएंगी.यहीं पर एक ऐसा कुंड है जिसमें नहाने से गौ हत्या जैसे पाप से छुटकारा मिलता है.यदि भूलवश किसी कारण से कोई गौहत्या का भागीदार बन जाए तो बानबरद के कुंड में नहाने से उसके पाप धुल जाते हैं. इस मन्दिर की विशेषता ये है कि ये इकलौता मंदिर है जहां गौ हत्या के पाप से छुटकारा मिलता है.
कहां स्थित है ये मंदिर ? :दुर्ग जिले से महज 18 किलोमीटर दूर बानबरद है. इस मंदिर के बारे में श्रीकृष्ण ने राक्षस बाणासुर को बताया था. मंंदिर के ठीक बाजू में पापमोचन कुंड है. स्नान करने के बाद गौहत्या करने वाले के ऊपर से हत्या का पाप उतर जाता है.हिन्दू धर्म में गौ को माता की तरह पूजा जाता है. भूलवश अनजाने में हुई गौ हत्या के पाप को उतारने लोग इस मन्दिर में आते हैं. विधि विधान से गौ की पूजा कर पाप मोचन कुंड में स्नान करते हैं.
क्या है पौराणिक मान्यता ? :मंदिर के पुजारी महाराज सूर्यकांत वैष्णव ने बताया कि उनकी इस मंदिर में 11 वीं पीढ़ी है. इस मंदिर के बारे में गरुण पुराण में भी जिक्र है. इस मंदिर में पुरातन समय में कर्ण ने आकर गौहत्या के पाप मुक्ति की पूजा की थी. द्वापर युग में भगवान कृष्ण और राक्षस बाणासुर के बीच भयंकर युद्ध हुआ.जब बाणासुर युद्ध में पराजित होने लगा तो उसने छद्मरूप धारण कर कृष्ण की गायों को मारना शुरू कर दिया. एक दिन उसे अपनी गलती का अहसास हुआ.तब भगवान कृष्ण के चरणों में पहुंचकर उसने गौ हत्या के पाप से मुक्ति का रास्ता पूछा.