दुर्ग: छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को लेकर एक और कदम उठाया है. अब किसानों से खरीदे गए धान को लेकर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन अरुण वोरा ने विभागीय अफसरों की बैठक लेकर लैब निर्माण की योजना सहित अन्य विभागीय कार्यों पर पहल की है.
नवा रायपुर में बनेगा फूड टेस्टिंग लैब छत्तीसगढ़ सरकार में स्टेट हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष अरुण वोरा ने राज्य में संचालित विभिन्न भंडार गृह के संचालकों से चर्चा की. राज्य सरकार किसानों से लाखों मीट्रिक टन धान खरीदती है. जो कई बार रख रखाव के अभाव में खराब हो जाता है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है. टेस्टिंग के लिए सरकार को महाराष्ट्र पर निर्भर रहना पड़ता है. जबतक रिपोर्ट आती है तबतक अनाज सड़ चुका होता है.
प्रदेश में ही हो पाएगी टेस्टिंग
अरुण वोरा ने इसे लेकर नवा रायपुर में अत्याधुनिक फूड टेस्टिंग लैब के निर्माण की बात कही. स्टेट वेयर हाउसिंग के गोदामों में रखी जाने वाले अनाज सहित अन्य सामग्री की टेस्टिंग की जाएगी. राज्य में अबतक धान टेस्टिंग लैब नहीं होने के कारण प्रदेश में अनाज की टेस्टिंग नहीं हो पाती थी. अरुण वोरा ने बताया कि करीब 15 करोड़ की लागत से लैब का निर्माण किया जाएगा. नवा रायपुर के सेक्टर 24 में स्टेट वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के मुख्यालय के पास ही अत्याधुनिक लैब का निर्माण होगा. करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर लैब का निर्माण किया जाएगा. लैब का निर्माण होने पर खाद्य सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट जल्द मिल जाएगी.
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जांजगीर और तिल्दा में भी बनेगा गोदाम
अरुण वोरा ने बताया कि गोदामों को साइंटिफिक तरीके से तैयार किया जा रहा है. ताकि अनाज का एक भी दाना न सड़े. पूरे प्रदेश में करीब 21 लाख मीट्रिक टन अनाज का संग्रहण होता है. 15 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान का संग्रहण शासकीय गोदाम में किया जाता है. बाकी बचे 6 लाख मैटिक टन धान का संग्रहण किराए के गोदाम में किया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 1 हजार 450 गोदाम बनाने का फैसला लिया गया है. साथ ही जांजगीर-चांपा और तिल्दा में 50-50 हजार मीट्रिक टन की क्षमता वाला गोदाम बनाने का काम किया जाएगा. इस आधुनिक लैब के निर्माण से किसान सहित सरकार को भी फायदा होगा.