छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

fish farming case : किसानों से 5 करोड़ की ठगी मामले में राजस्थान से दो आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लाई पुलिस - Durg fish farming case

दुर्ग में फिश फार्मिंग के नाम पर ठगी हुई है. 5 करोड़ से अधिक की ठगी मामले में दो आरोपियों को दुर्ग पुलिस राजस्थान से ट्रांजिट रिमांड पर लाई है, जबकि 7 फरार हैं.

fish-scam-case
आरोपी गिरफ्तार

By

Published : Jan 29, 2022, 6:59 PM IST

Updated : Jan 29, 2022, 7:33 PM IST

दुर्ग:फिश फार्मिंग के नाम पर दुर्ग के 94 किसानों से 5 करोड़ से अधिक की ठगी मामले में दो आरोपियों को दुर्ग पुलिस राजस्थान से ट्रांजिट रिमांड पर लाई है. पुलिस इन आरोपियों को न्यायालय में पेश करेगी. इसके बाद इनसे ठगी के मामले में पूछताछ की जाएगी. अब भी 7 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

यह भी पढ़ें:धमतरी के साप्ताहिक बाजार में उठाईगिरी गिरोह का पर्दाफाश, महिला समेत 4 आरोपी गिरफ्तार

क्या है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक फरीदाबाद (यूपी) निवासी बृजेन्द्र कश्यप ने अपने साथी हरियाणा के बहादुरगढ़ निवासी विनय शर्मा के साथ मिलकर 6 राज्य के किसानों से फिश फार्मिंग के नाम पर ठगी की है. आरोपी द्वारा फिश फार्चून फार्मिंग के नाम से एक चिटफंड कंपनी संचालित की जा रही थी. इन्होंने छत्तीसगढ़ में सुधीर भंडारी और गुलाब चंद्राकर के साथ मिलकर 94 किसानों से 5 करोड़ 33 लाख से अधिक की ठगी की है. ईरागुड़ा सिकोला गुंडरदेही निवासी किसान देवेश चंद्राकर ने इनके खिलाफ मोहन नगर थाने में लिखित शिकायत की थी. पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपियों ने ओम परिसर ओपोजिट लाइफ केयर के पास बाकायदा ऑफिस संचालित किये थे. यहां से ठगी करके भागने के बाद जब आरोपी मध्य प्रदेश पहुंचे तो भोपाल पुलिस ने इन्हें सबसे पहले गिरफ्तार किया. इसके बाद राजस्थान पुलिस ने इन्हें रिमांड पर लिया था. छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने राजस्थान के भीलवाड़ा जेल से आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लाकर कोर्ट में पेश कर 4 दिन का पुलिस रिमांड लिया है.

इस तरह करते थे आरोपी ठगी
आरोपी छत्तीसगढ़ के एजेंटों के माध्यम से किसानों से संपर्क में थे. यह लोग आधा एकड़ से लेकर एक एकड़ तक के भूमिधारक किसानों को फिश फार्मिंग के नाम पर उनकी जमीन लीज पर लेने का लालच देते थे. आधा एकड़ वाले किसान को 5.5 लाख और 1 एकड़ जमीन वाले किसान से 11 लाख रुपए जमा कराते थे. इसके एवज में किसान को 14 से 15 महीने की लीज पर जमीन लेने की बात कहकर क्रमशः 75 हजार और 1.5 लाख रुपए महीना कमीशन देने का प्रलोभन देते थे. किसानों को यह भी कहा जाता था कि वह उनकी जमीन पर तालाब, बोर, सीसीटीवी कैमरा, मछली बीज, दाना, गार्ड रखकर और लाइट लगाकर देंगे. पहले कुछ महीनों तक इन्होंने किसानों को कमीशन भी दिया. जब 94 किसानों से इन्होंने रुपए ले लिए तो यह अपना आफिस बंद कर फरार हो गए.


छह राज्यों में फैलाया था ठगी का जाल, 7 आरोपी फरार
कंपनी के एमडी बृजेन्द्र कश्यप और सीईओ विनय शर्मा को भोपाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था. अब भी आरोपी सुधीर भंडारी, गुलाब चंद्राकर, भरत मौर्य, मनीष कश्यप, हितेश सैनी, सौरभ कुमार और मनोज त्रिपाठी फरार हैं. पुलिस इनकी तलाश कर रही है. आरोपी बृजेन्द्र कश्यप ने होशंगाबाद से मछली पालन की ट्रेनिंग ली. इसके बाद इस कार्य के बहाने किसानों से ठगी करने के लिए बाकायदा एक कंपनी बनाई. उसने अपनी कंपनी की शुरूआत साल 2019 में आगरा (उत्तर प्रदेश) से की थी. इसके बाद उसने अन्य आरोपियों को कमीशन का लालच देकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार, हरियाणा में अपनी ठगी का जाल फैलाया और वहां के किसानों से ठगी की. सभी राज्यों में इन आरोपियों के खिलाफ ठगी के मामले दर्ज हैं.


छह राज्यों में करोड़ों की कर चुके हैं ठगी, हजारों किसानों को बनाया शिकार
दुर्ग के एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि आरोपी छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य 5 राज्यों में हजार किसानों से फिश फार्मिंग के नाम पर 90 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुके हैं. आरोपियों ने प्रदेश में 94 किसानों से 5 करोड़ 33 लाख की ठगी कर चुके है. फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है. वहीं पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है.

Last Updated : Jan 29, 2022, 7:33 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details