दुर्ग:छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक पॉक्सो न्यायालय दुर्ग (Durg POCSO Court) में हैं, जहां बालकों से संबंधित अपराधों के मामलों पर तेजी से सुनवाई कर फैसला सुनाया जा रहा है और आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है. आपको बता दें कि दुर्ग में 4 पॉक्सो कोर्ट हैं, जबकि न्यायधानी बिलासपुर में 2 और राजधानी रायपुर में 3 पॉक्सो कोर्ट हैं. अकेले दुर्ग में सबसे अधिक पॉक्सो न्यायालय होने का लाभ पीड़ितों को मिल रहा है. पिछले ढाई साल में में 576 मामले आए हैं, जिसमें से 335 मामलों पर कोर्ट ने बड़ी तेजी के साथ फैसला सुनाया है.
2019 से अब तक 576 मामले पेश
गौरतलब है कि जिले में नाबालिगों के साथ होने वाले अपराध जैसे छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामलों में वृद्धि को देखते हुए दुर्ग जिले में 4 पॉक्सो कोर्ट बनाया गया है, ताकि पॉक्सो से संबंधित अधिक से अधिक मामलों का जल्द से जल्द सुनवाई हो सके. पीड़ितों को जल्द इंसाफ मिल सके और आरोपियों को सजा दिलाया जा सके. इसी उद्देश्य से शुरू की गई पॉक्सो कोर्ट में त्वरित फैसला सुनाया जा रहा है. लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने बताया कि दुर्ग जिले के सभी पुलिस थानों में 2019, 2020 और 2021 में अब तक 576 पॉक्सो के मामले पेश किए गए. इसमें से 335 मामलों पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है. न्यायाधीशों ने आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी और पीड़ितों को इंसाफ दिलाया है.
दुर्ग में सबसे अधिक बालकों के लैंगिक अपराध
आपको बता दें कि दुर्ग में सबसे अधिक बालकों के लैंगिक अपराध के मामले देखे गए थे. एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी सबसे अधिक केस दुर्ग में दर्ज किए गए हैं. 2010-2011 में यहां सिर्फ एक कोर्ट था. इसके बाद यहां 2019 में पॉक्सो के और कोर्ट शुरू हुए. वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक 4 पॉक्सो कोर्ट दुर्ग जिला में है, ताकि लंबित मामलों को जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके.