दुर्ग: 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. धान खरीदी के इस निर्णय के बाद अब राज्य और केंद्र सरकार आमने-सामने नजर आ रही है. वहीं इस पूरे मामले पर दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल का कहना है कि, 'क्या केंद्र से पूछकर राज्य सरकार ने अपना घोषणा पत्र तैयार किया था.' सांसद बघेल ने कहा कि, 'सरकार की हालत खराब है. जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से प्रदेश कर्ज के तले दबा हुआ है.'
प्रदेश सरकार ने तय की थी धान खरीदी की राशि
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार अब तक धान खरीदी शुरू नहीं हुई है. दरअसल राज्य की कांग्रेस सरकार ने ये तय किया था कि किसानों का धान 2500 रुपए में खरीदा जाएगा, लेकिन केंद्र ने अब तक राज्य सरकार को इस पर कोई सहयोग नहीं किया है.
87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस बार 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. पिछले साल तक केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ से अरवा और उसना चावल मिलाकर 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीद रही थी, जिसे राज्य सरकार 32 लाख टन करने की मांग कर रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने खरीदी का कोटा बढ़ाने के बजाय खरीदी पर ही रोक लगा दी है.
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सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखी थी चिट्ठी
छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी. इसमें धान खरीदी के लिए 2500 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय करना अगर केंद्र के लिए संभव न हो तो राज्य सरकार को इस मूल्य पर खरीदी के लिए केंद्र सरकार से सहमति देने का अनुरोध किया गया था. विकेंद्रीकृत खाद्यान्न उपार्जन योजना के तहत यह सहमति देने की गुजारिश की गई थी.