दुर्ग : कानून ने आम नागरिकों को अधिकार दिए हैं.ऐसा ही अधिकार उपभोक्ता से जुड़ा हुआ है.जिसमें यदि आप किसी कंपनी से कोई चीज खरीदते हैं तो इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कंपनी अपनी सेवा में ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी ना करे. धोखाधड़ी होने पर यदि पुलिस आपकी नहीं सुनती तो आप अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं. ऐसा ही एक मामला दुर्ग में सामने आया. पेट्रोल पंप संचालक ने अपने ग्राहक के साथ धोखाधड़ी की थी, जिसकी शिकायत पुलिस ने दर्ज करने से इनकार कर दिया था. लेकिन पीड़ित को न्यायालय से इंसाफ मिला.
क्या है मामला ? :पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में महाराजा चौक के पास अमित पेट्रोल पंप है. इस पंप का नियमित ग्राहक रविशंकर मंडले थे. रविशंकर रोजाना अपनी तीन गाड़ियों में 1010-1010 यानी कुल 3030 रुपए का पेट्रोल लेते थे. इस दौरान रविशंकर मंडले से पेट्रोल पंप ने 5 लाख 32 हजार रुपए वसूले. लेकिन जब रविशंकर ने बिल और गाड़ी में डाले गए पेट्रोल का मिलान किया तो डेढ़ लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई.
ड्राइवर और पेट्रोल पंप कर्मी ने की थी गड़बड़ी :रविशंकर ने जब जांच की तो पाया गया कि पेट्रोल पंप में काम करने वाला युवराज मंडले और गाड़ी का ड्राइवर अजय मेहरा ने फर्जी बिल बनाकर उससे पैसे वसूले हैं. सीसीटीवी चेक करने पर भी गड़बड़ी की पुष्टि हुई. रविशंकर ने विवाद ना चाहते हुए अपने पैसे वापस मांगे. तब पेट्रोल पंप संचालक ने गलती स्वीकारते हुए दो दिनों में पैसे देने की बात कही. लेकिन दो दिन बाद उल्टा रविशंकर के ही खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से कर दी गई.