छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

LIVE UPDATE: अभिषेक मिश्रा मर्डर केस में 9 अप्रैल को आएगा फैसला

By

Published : Mar 31, 2021, 11:30 AM IST

Updated : Mar 31, 2021, 12:04 PM IST

Abhishek Mishra murder case
अभिषेक मिश्रा मर्डर केस

11:57 March 31

अभिषेक मिश्रा मर्डर केस में 9 अप्रैल को आएगा फैसला

अभिषेक मिश्रा मर्डर केस में आज आने वाला फैसला टल गया है. 9 अप्रैल को इसमें अब फैसला आएगा. 

11:04 March 31

LIVE UPDATE: अभिषेक मिश्रा मर्डर केस में 9 अप्रैल को आएगा फैसला

दुर्ग: छत्तीसगढ़ के हाईप्रोफाइल अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में आज फैसला आने वाला है. दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव इस केस में आज फैसला सुनाएंगे. भिलाई की किम्सी जैन पर इस मर्डर केस को अंजाम देने का आरोप है. अभिषेक मिश्रा छत्तीसगढ़ के अरबपति कारोबारी थे और उनके पास करीब 200 करोड़ रुपए की संपत्ति थी. किम्सी जैन उनकी पूर्व प्रेमिका थी. इस मर्डर केस में किम्सी का पति विकास और ससुर अजीत भी शामिल थे. पूरी जांच और गवाही होने के बाद अब दुर्ग जिला कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुना सकता है.


2015 में हुई थी हत्या

इस हत्याकांड को बहुत ही सोच-समझकर साजिश के तहत अंजाम दिया गया था. ये मर्डर 2015 में किया गया था. 2016 से ये केस कोर्ट में चल रहा है. सीनियर वकील राजकुमार तिवारी ने बताया कि फैसले की तारीख आ गई है. 31 मार्च को इसमें जज फैसला सुनाएंगे.


डिप्टी रेंजर मर्डर केस: जमीन, पैसा और अवैध संबंध बना हत्या की वजह

1 करोड़ मोबाइल की खंगाली गई थी डिटेल

इस हाईप्रोफाइल मामले में पुलिस ने दिनरात एक कर दिया था. पहले ये मामला शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा के लापता होने का था. दिनरात एक कर देने के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं लग पा रहा था. हाईप्रोफाइल केस होने के कारण पुलिस पर बहुत ज्यादा दबाव था.

फिल्मी स्टाइल में वारदात को दिया गया अंजाम

छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड को फिल्मी अंदाज में अंजाम दिया गया था. साल 2015 में 9 नवंबर की शाम पूरे देश में ख्याति प्राप्त शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज के चेयरमैन आईपी मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा लापता हो गए थे. बेहद ही हाईप्रोफाइल इस मामले में पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी थी. पुलिस ने भी इसे सुलझाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. करीब 1 करोड़ मोबाइल फोन की डिटेल खंगाली गई और सैकड़ों लोगों से पूछताछ हुई, जिसके बाद पुलिस की निगाह भिलाई में रहने वाले सेक्टर 10 निवासी विकास जैन के ऊपर आकर टिक गई.

बाद में जांच में केस परत दर परत खुलती चली गई. इस मर्डर में विकास जैन, उसकी पत्नी और अभिषेक की पूर्व प्रेमिका किम्सी जैन और विकास का चाचा अजीत शामिल थे. तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.

कोरिया: पत्नी की हत्या के आरोप में पति गिरफ्तार

अभिषेक मिश्रा की जिद ने ली उसकी जान

किम्सी जैन अभिषेक मिश्रा के कॉलेज में पढ़ाती थी. इसी दौरान दोनों के बीच प्रेम हो गया. इसी बीच किम्सी की शादी हो गई और उसने कॉलेज की जॉब छोड़ दी. लेकिन अभिषेक उसके साथ संबंध रखने के लिए लगातार उस पर दबाव डाल रहा था. इससे किम्सी परेशान हो गई थी. उसने ये बात अपने पति विकास को बताई. ये जानकर विकास का खून खौल उठा. इसके बाद किम्सी, पति विकास और किम्सी के ससुर अजीत ने हत्याकांड की साजिश रची. किम्सी ने अभिषेक को फोन करके अपने भिलाई के स्मृति नगर स्थित घर पर बुलाया. जहां विकास जैन और ससुर अजीत ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया. मौके पर ही अभिषेक की मौत हो गई.

लाश को घर में ही दफनाया

अभिषेक मिश्रा की लाश को किम्सी ने अपने पति और ससुर की मदद से भिलाई स्थित घर में ही 6 फीट गहरा गड्ढा करके दफना दिया. किसी को शक नहीं हो, इसके लिए उसके ऊपर गोभी के पौधे लगा दिए गए.

नक्सलियों की ओर रुख मोड़ने की कोशिश

अभिषेक मिश्रा 9 नवंबर से लापता था. एक इतने बड़े कारोबारी का यूं ही गायब हो जाना पुलिस के लिए चिंता का सबब था. इधर इस बीच आरोपियों ने अभिषेक के घर पर लाल सलाम के नाम से फिरौती के लिए कॉल किया. ताकि घटना नक्सलियों द्वारा अंजाम दिया जाना लगे. एक बार को पुलिस भी चक्कर खा गई.

44 दिनों के बाद हुआ मर्डर केस का खुलासा

पुलिस ने 44 दिनों के अंदर 1500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की. हजारों के कॉल डिटेल्स निकाले गए. इसी बीच पुलिस को किम्सी जैन का नंबर मिला, जो संदिग्ध लगा. इसके बाद पुलिस ने पूरी जांच की और मर्डर केस का खुलासा कर दिया. अभिषेक मिश्रा के अपहरण के करीब 44-45 दिन के बाद पुलिस को उसका शव मिला था.

दुर्ग: पत्थर से सिर कुचलकर एक युवक की हत्या

आरोपी विकास जैन के चाचा अजीत के भिलाई स्थित स्मृति नगर निवास पर बगीचे में अभिषेक की सड़ी-गली लाश बरामद हुई थी. आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को गाड़कर उसके ऊपर सब्जियां उगा दी थी. पुलिस ने लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लॉकेट देखकर अभिषेक मिश्रा की लाश होने की पुष्टि की थी. लाश का डीएनए टेस्ट भी कराया गया था.

सुलझी मर्डर की गुत्थी

शंकरा ग्रुप ऑफ कॉलेज के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा के मर्डर की गुत्थी 9 नवंबर से 44 दिनों के बाद दिसंबर 2015 को खुली. इसके बाद किम्सी जैन, उसके पति विकास जैन और ससुर अजीत को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लगातार इस मामले की जांच की गई और जांच पूरी होने के बाद इसे दुर्ग न्यायालय में प्रस्तुत किया गया. करीब 5 साल तक यह मामला दुर्ग जिला न्यायालय में चल रहा था. पूरी जांच और गवाही होने के बाद अब दुर्ग जिला कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुना सकता है.

Last Updated : Mar 31, 2021, 12:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details