दुर्ग: राह चलते लोगों के लिए मुसीबत बने आवारा कुत्तों पर कंट्रोल करने के लिए निगम ने एक प्लान बनाया है. नगर निगम एनिमल बर्थ कंट्रोल नाम का एक अभियान चला रहा है. इस अभियान के तहत आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी जनसंख्या में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है.
आवारा कुत्तों का हो रहा बधियाकरण
नगर निगम दुर्ग में लगभग 10 हजार आवारा कुत्तों को पकड़ा गया है. शहर में 2500 कुत्तों के बधियाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अबतक 2400 कुत्तों का बधियाकरण किया जा चुका है. एनिमल केयर फाउंडेशन में रोजाना 5 से 6 आवारा कुत्तों का ऑपरेशन किया जाता है. इस संस्था के डॉक्टर प्रदीप दुबे बताते हैं, नगर निगम से सूचना मिलने के बाद आवारा कुत्तों को पकड़ा जाता है. इसके बाद उनका बधियाकरण किया जाता है. उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों को जन्म नियंत्रण श्वान और रेबीज का टीका लगाया जाता है. रेबीज का टीका लगवाने से कुत्तों की काटने की क्षमता कम हो जाती है.
डोंगरगांव में आवारा कुत्तों की बढ़ रखी संख्या, शहरवासियों को खतरा
डॉक्टर प्रदीप दुबे ने रेबीज को लेकर कुछ अहम जानकारियां दी हैं. वे कहते हैं कि अगर आपको किसी आवारा कुत्ते ने काट लिया तो चोट वाले स्थान पर साबुन लगाएं और रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं. उन्होंने बताया कि रेबीज कुत्तों के काटने से नहीं बल्कि उसके लार से फैलता है.
योजना पर भ्रष्टाचार का आरोप
इधर, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने इस योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आवारा कुत्तों के बधियाकरण के बाद भी कुत्तों के काटने का मामला लगातार सामने आ रहे हैं. अजय वर्मा ने बताया कि सबसे बड़ा घोटाला कुत्तों के बधियाकरण में हुआ है. उन्होंने एनिमल केयर फाउंडेशन के लोगों पर महापौर के वार्ड से 19 कुत्ते को पकड़कर, 12 कुत्तों को रास्ते में ही छोड़ देने के आरोप लगाया है. इसके अलावा वे कहते हैं कि अगर निगम क्षेत्र में लगातार कुत्तों के बधियाकरण का अभियान चलाया जा रहा है, तो फिर निगम में आवारा कुत्तों की जनसंख्या में वृद्धि कैसे हो रही है.
रायपुर: बारिश में आवारा कुत्तों का आतंक, लगातार बढ़ रही डॉग बाइट की घटनाएं
शिकायतों का किया जा रहा निराकरण
अजय वर्मा ने बधियाकरण के आकंड़ों की जांच की बात कही है. इस मामले में नगर निगम के कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन ने बताया कि निगम क्षेत्र में लगभग 10 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं. आए दिन वार्डों से आने वाले शिकायतों का निराकरण किया जा रहा है. आवारा कुत्तों को पकड़कर बधियाकरण कर उनकी जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा रहा है.
बहरहाल, एनिमल केयर फाउंडेशन के जरिए लोगों को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात मिल रहा है. साथ ही उनकी जनसंख्या को भी कंट्रोल किया जा रहा है. उम्मीद है कि इस संस्था की मदद से लोग बेखौफ होकर सड़क पर घूम सकेंगे.