दुर्ग:छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून के समय से पहले आने की उम्मीद है. ऐसे में मानसून हर साल की तुलना में एक सप्ताह कम मिलेगा. इसके मद्देनजर सोमवार को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बैठक ली और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.
मानसून के पहले आने का सबसे ज्यादा असर खेती-किसानी पर पड़ेगा. जिसे देखते हुए किसानों को धान के बदले दूसरी फसलों के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है. किसानों को धान के बदले दूसरी फसलों के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ताकि वे बेहतर आर्थिक लाभ कमा सकें. जिले में अन्य फसलों का रकबा बढ़ाने और कृषि के क्षेत्र में वैविध्य बढ़ाकर किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से राज्य शासन ने पिछले साल धान की फसल लेने वाले और इस बार धान की जगह दूसरी फसल लेने के इच्छुक किसानों को 10 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रति एकड़ देने की घोषणा की है. कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सोमवार को इस योजना को लेकर जमीनी अमले द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी ली.
खेतों में सागौन और बांस के कर सकते हैं प्लाटेंशन
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वे किसानों को इस योजना के बारे में बता रहे हैं. साथ ही यह भी बता रहे हैं कि जो किसान खेती में वैविध्य अपनाते हैं उनके आर्थिक लाभ के लिए अवसर बढ़ जाते हैं. किसान इसके साथ ही अपने खेतों में सागौन और बांस आदि का प्लांटेशन भी कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें तीन सालों तक दस हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि दी जाएगी. कलेक्टर ने बैठक में गोधन न्याय योजना की समीक्षा भी की और कंपोस्ट खाद को तेजी से बेचने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये. अधिकारियों ने बताया कि समितियों से खाद-बीज का उठाव जारी है.