दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलो में कमी आने के बाद तमाम स्कूल, कोचिंग और लाइब्रेरी खुल गए हैं. करीब 11 महीने बाद 15 फरवरी से स्कूलों में फिर से रौनक दिखने लगी है. लेकिन राजनांदगांव में बच्चों समेत स्कूल के कुछ स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद रायपुर और बिलासपुर में भी 3-3 स्टूडेंट्स कोरोना संक्रमित पाए गए. अलग-अलग जिलों में स्टूडेंट्स के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद स्कूल खोलने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए. ऐसे में ETV भारत ने एजुकेशन हब भिलाई के कोचिंग सेंटरों का जायजा लिया और देखा कि कोचिंग संस्थाओं में किस तरह से कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है.
एजुकेशन हब भिलाई में न केवल दुर्ग जिले के बल्कि प्रदेशभर के बच्चे पढ़ाई करने आते हैं. ऐसे में कोरोना की वजह से कोचिंग संस्थानों ने छात्रों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है. बिना मास्क के छात्रों को कोचिंग के अंदर जाने की परमिशन नहीं है. छात्रों को मास्क या रुमाल लगाकर ही क्लास में आने की अनुमति है.
हर क्लास के बाद किया जाता है सैनिटाइज
नीट की तैयारी कर रहे हैं अमितेश सिंह बताते हैं कि कोचिंग सेंटर में कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब वे लोग आते हैं तो पहले वे अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं. उसके बाद दूरी मेंटेन करते हुए क्लास में बैठते है. एक क्लास खत्म होने के बाद क्लास रूम को सैनिटाइज किया जाता है.