दुर्ग: दुर्ग जिले में पदस्थ एक नगर सैनिक ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. शव के पास पुलिस को दो पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला. लेकिन पुलिस उसे छिपा रही है. सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा है कि वह बोरसी के यादव परिवार मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी कर रहा है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्ट्मार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है.
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परेशान नगर सैनिक ने घर में लगाई फांसी: दुर्ग कोतवाली थाना प्रभारी भूषण एक्का ने बताया कि दुर्ग डिपरापारा निवासी नगर सैनिक तुलाराम धुर्वे (52) ने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी की है. परिजनों ने जब उसे फंदे पर झूलता देखा तो उसे तुरंत फंदे से नीचे उतारा गया. इसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
परिजनों ने बताया कि तुलाराम की ड्यूटी जिला अस्पताल में लगी थी. वह हमेशा समय पर ड्यूटी भी जाता था. मृतक नगर सैनिक पिछले कुछ दिनों से परेशान था. पुलिस परिजनों व अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है.
नौकरी लगाने के नाम पर परिचित को दिलवाया था लाखों रुपए: मृतक तुलाराम ने जहां फांसी लगाया है वहां से दो पन्नों का सुसाइड नोट मिला है. लेकिन पुलिस सुसाइड नोट को छिपाने में लगी. सिटी कोतवाली थाना प्रभारी भूषण एक्का ने कहा कि उन्हें मृतक के शव से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. लेकिन ईटीवी भारत को मृतक द्वारा लिखी एक सुसाइड नोट हाथ लगी है, जो सुसाइड के काफी दिन पहले लिखी गई है. उसमें लिखा गया है कि बोरसी गांव के यादव (सुसाइड नोट में नाम है) जो पुलिस विभाग में पदस्थ है उसने पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी ( सुसाइड नोट में नाम है) अपनी जान पहचान होने का हवाला दिया था.
उसने दावा किया वह पुलिस विभाग में उनकी नौकरी लगवा सकता है. तुलाराम उसके बहकावे में आ गया और अपने पहचान वालों से 10 लाख रुपए दिलवा दिए. नौकरी न लगने पर वह लोग उससे रुपए दिलवाने का दबाव बना रहे थे. रुपए लेने वाला यादव तुलाराम को रुपए न देकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. इसके चलते उसने खुदकुशी कर ली.