दुर्ग : छत्तीसगढ़मुक्ति मोर्चा (Chhattisgarh Mukti Morcha) श्रमिकों की याद में हर साल एक जुलाई को श्रमिक शहीद दिवस मनाता है. भिलाई के कॉफी हाउस (Coffee House Bhilai) में शहीद दिवस को लेकर मुक्ति मोर्चा ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया था. इस दौरान पदाधिकारियों ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी शहीद श्रमिकों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा और उन्हें याद किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार पुलिस ने श्रमिकों पर गोलियां बरसाई थीं. इसमें 17 श्रमिकों की मौत हो गई थी. भिलाई के पॉवर हॉउस (Power House Bhilai) के पास 1 जुलाई 1991 को हुए इस जघन्य कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस हत्याकांड के बाद देशभर में मजदूर संगठन सड़कों पर उतर आए थे. सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया था.
भिलाई गोलीकांड में मृत हुए श्रमिकों को दी जाएगी श्रद्धांजलि - कॉफी हाउस भिलाई
1 जुलाई को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (Chhattisgarh Mukti Morcha) भिलाई गोलीकांड (Bhilai shooting incident) में मारे गए श्रमिकों को श्रद्धांजलि देगा. श्रमिकों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा.
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शहीदों को दी जाएगी श्रद्धांजलि
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के समन्वयक समिति के पदाधिकारी भीमराव बावले ने बताया कि मोर्चा के नेतृत्व में 1 जुलाई की सुबह 10 बजे से नंदिनी मार्ग की योगी चौक में एकत्रित होंगे. प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद शहीद परिवारों को लेकर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 में गोलीकांड स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी. योगी चौक पहुंचकर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हर साल एक जुलाई को बड़ी सभा का आयोजन किया जाता था, लेकिन कोरोना को ध्यान में रखकर शहीद श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी.
यह था मामला
श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी के नेतृत्व में 1991 में भिलाई, कुम्हारी, उरला और राजनांदगांव के टेडेसरा के हजारों श्रमिक भिलाई में आंदोलन कर रहे थे. मजदूर न्यूनतम वेतन और निकाले गए श्रमिकों को काम पर लेने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. बड़ी संख्या में मजदूर अपने बच्चों सहित भिलाई में प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान पुलिस और श्रमिकों के बीच जमकर झड़प हुई. श्रमिकों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने गोलियां बरसा दी. गोलीकांड में 17 श्रमिकों की मौत और सैकड़ों मजदूर घायल हुए थे.
इनकी हुई थी मौत
1 जुलाई को गोलीकांड में मारे गए श्रमिकों में पुरानिक लाल, के वर्मा, प्रेम नारायण, केशव गुप्ता, लक्ष्मण वर्मा, असीम दास, किशोरी वर्मा, जोगाराम, रामाज्ञा चौहान, मनहरण वर्मा, धीरपाल, प्रदीप कुट्टी, मधुकर नाई, हिरउ राम, रामकृपाल, इंद्र देव चौधरी और हृदय राम शामिल थे.