छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

Chhattisgarh Dog Training Center : नक्सल मोर्चे पर जाने के लिए डॉग्स हो रहे तैयार, जानिए क्यों हैं ये सुरक्षा के लिहाज से खास - नक्सल मोर्चे पर जाने के लिए डॉग्स हो रहे तैयार

Chhattisgarh Dog Training Center छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र से लेकर शहरी इलाकों में होने वाले अपराध की जांच तक खोजी कुत्तों की मदद के बिना कई काम असंभव हो जाते हैं.इन डॉग्स की ट्रेनिंग भिलाई में होती है. कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये मुश्किल जगहों में जाकर जवानों के सबसे बड़े मददगार बनते हैं.

Chhattisgarh Dog Training Center
नक्सल मोर्चे पर जाने के लिए डॉग्स हो रहे तैयार

By

Published : Jul 13, 2023, 2:37 PM IST

Updated : Jul 14, 2023, 6:37 AM IST

नक्सल मोर्चे पर जाने के लिए डॉग्स हो रहे तैयार

दुर्ग: नक्सल इलाकों में बारुदी सुरंगें खोजनी हो, ट्रेनों या बस अड्डों में तस्करों को दबोचना हो या फिर किसी जघन्य अपराध वाली जगह में मुजरिम का सुराग ढूंढना. हर जगह खोजी कुत्तों की भूमिका सबसे पहले होती है. इन डॉग्स में ऐसी क्या खासियत होती है कि पुलिस हो, फिर चाहे सेना हर कोई इन पर आंख बंद कर भरोसा करता है. आज हम आपको लेकर चलेंगे ऐसे ही ट्रेनिंग सेंटर, जहां ऐसे डॉग्स को खतरों से मुकाबला करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.

छत्तीसगढ़ का एकमात्र डॉग ट्रेनिंग सेंटर: छत्तीसगढ़ में प्रदेश का एक मात्र डॉग ट्रेनिंग सेंटर भिलाई के सातवीं बटालियन में है, जहां डॉग्स को ट्रेनिंग देकर उन्हें प्रदेश के दूसरे जिलों में भेजा जाता है. छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की सातवीं बटालियन में इन दिनों खासतौर के डॉग स्क्वाड को ट्रेनिंग दी जा रही है. मौजूदा समय में इस ट्रेनिंग कैंप में बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के 9 डॉग्स हैं.ये सभी डॉग्स एक ही मां की संतान हैं.

तीन कैटेगरी में हो रही है ट्रेनिंग :बेल्जियम शेफर्ड प्रजाति के ये डॉग्स अभी 6 माह के हैं. जनवरी अंत तक इनकी ट्रेनिंग पूरी होगी. डॉग्स को तीन अलग-अलग केटेगरी में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.ट्रेकर, स्निफर और नारकोटिक्स वर्ग में इन स्वान को परफेक्ट बनाया जा रहा है. इन डॉग्स को खानपान के लिए विशेष तौर पर रोजाना सुबह 750 मिलीलीटर दूध और 400 ग्राम चावल दिया जाता है. वहीं शाम को उबला हुआ 400 ग्राम मांस और इतना ही चावल खाने को मिलता है. ताकि ये स्वान ट्रेनिंग के साथ हष्ट पुष्ट बने रहे.


''वर्तमान में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों सहित अन्य जिलों में 84 प्रशिक्षित डॉग्स पुलिस विभाग में जवान के जैसे ही सेवाएं दे रहे हैं. 6 महीने बाद 9 डॉग्स को पुलिस की मांग पर अलग-अलग जिलों में भेजा जाएगा. डॉग्स के साथ उनके ट्रेनर भी जाएंगे. ये डॉग्स हत्या,चोरी,लूट और बम डिफ्यूज करने में विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं. जो पुलिस के लिए काफी मददगार हैं.''गोवर्धन ठाकुर,सातवीं बटालियन

इस बैच से पहले 20 डॉग्स को सातवीं बटालियन में ही ट्रेनिंग देकर छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भेजा गया है. जहां ये पुलिस टीम के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. वर्तमान में 9 डॉग को भी जल्द ही ट्रेनिंग देकर भेजने की तैयारी है.आपको बता दें कि डॉग्स की प्रदेश की सुरक्षा में बड़ा योगदान है.खासकर नक्सली क्षेत्रों में जहां जवान कई बार बारुदी सुरंगों का शिकार बनते हैं. ये डॉग्स बारुदी सुरंगें खोजकर जवानों को अलर्ट करके बड़े नुकसान से बचाते हैं. जिनकी भूमिका कहीं ना कहीं किसी जवान से कम नहीं है.

Last Updated : Jul 14, 2023, 6:37 AM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details