दुर्ग: भिलाई में 42 दिनों बाद बीएसपी कर्मी कार्तिकराम ठाकुर का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन ने मंगलवार को कर दिया. भिलाई इस्पात संयंत्र कर्मचारी की सेक्टर 9 अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जनवरी के पहले हफ्ते से कार्तिकराम ठाकुर का शव मरच्यूरी में ही रखा हुआ था. उनके परिजन भिलाई स्टील प्लांट में अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे और शव को लेने से इनकार कर दिया था.
भिलाई सेक्टर वन के मुर्गा चौक में मृतक कार्तिकराम ठाकुर के परिवार के सदस्यों के साथ आदिवासी समाज के लोगों के अलावा, कई संगठनों के लोग लगातार धरना-प्रदर्शन पर बैठे थे. इस मामले में प्रबंधन का नजरिया सही है या नहीं यह सवाल यहीं रह गया है, लेकिन अब मृतक बीएसपी कर्मी के अंतिम संस्कार के बाद भिलाईवासी यह सवाल उठाने लगे हैं कि प्रबंधन ने इस मामले में पहल कर इसका निपटारा क्यों नहीं किया. भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों ने मृत देह का अंतिम संस्कार नहीं किया और बीएसपी प्रबंधन के सामने अपनी मांगे रख दी. मांग पूरी होने की शर्त पर मृत देह का अंतिम संस्कार करने की मंशा लगातार जाहिर कर रहे थे.
जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप
लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठी मृतक कार्तिकराम ठाकुर की पत्नी ने जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि हम आदिवासी समाज से हैं इसलिए जिला प्रशासन हमारे साथ गलत तरीक से पेश आ रहा है. इतने दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन एक भी बार जिला प्रशासन के अधिकारी हमसे बात करने तक नहीं आए. छोटी जाति होने की वजह से बीएसपी प्रबंधक भी इस मामले पर कोई फैसला नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी जगह कोई और होता तो अब तक प्रबंधन फैसला ले चुका होता.